सारंगढ़

सारंगढ़: ग्राम मल्दा और फर्सवानी के बीच अवैध तरीके से जेसीबी मशीन द्वारा किया जा रहा मुरुम उत्खनन..! आरकेटीसी ठेकेदार द्वारा बिना पंचायत एवं खनीज विभाग के परमिशन के धरती के सीने मे चलाई जा रही जेसीबी…? प्रशासन को लगा रहा करोड़ों का चूना, फिर भी निर्माण कार्य घटिया..?

सारंगढ़ बिलाईगढ़। जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम मल्दा और फर्सवानी के बीच अवैध तरीके से जेसीबी मशीन द्वारा मुरूम की खनन किया जा रहा है । यहां रोड ठेकेदार की मनमर्जी थमने का नाम नहीं ले रहा है । प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत ग्राम झिलगिटार से बुदेली तक रोड बन रहा है , जिसमें ठेकेदार द्वारा माइनिंग विभाग और ग्राम पंचायत से कोई परमिशन नहीं लिया गया है और धडक्ले के साथ शासन प्रशासन को चूना लगाने के लिए बेधड़क मुरूम खनन किया जा रहा कि, लगता है प्रशासन को इस रोड पर ध्यान ही नहीं है । वही ग्रामीणों ने बताया कि रोड भी सही तरीके से नहीं बनाया जा रहा है । हाल ही दिनों में डामरीकरण किया गया था , लेकिन यहां रोड एक तरफ से उखड़ना भी चालू हो गया है । मालूम हो कि इस इलाके में मुरुम खदानों में बिना किसी रायल्टी और खनिज विभाग से लीज कराए बिना ही ठेकेदार मुरुम खनन कर क्षेत्र के बड़े बड़े मुरुम खदानों को खाई में तब्दील कर रहे हैं । वहीं जंगल क्षेत्र में भी कीमती पत्थर सहित जंगल की जमीन को बेधड़क खोदा जा रहा है। जिससे वन विभाग,खनिज विभाग और राजस्व विभाग जानकर भी अनजान है । अब तो सिर्फ सारंगढ बिलाईगढ़ कलेक्टर पर निगाहें टिकी हुई है , देखते हैं आगे क्या कार्यवाही होती है ।

कार्य लागत बोर्ड की नामोनिशान नहीं

यहां ठेकेदार द्वारा अपनी मनमर्जी से काम किया जा रहा है । अगर कोई काम सरकारी हो तो उसमें एक बोर्ड बनाकर दर्शाया जाता है कि कितनी लागत की सड़क बन रही है , लेकिन यहां तो वह भी नहीं दर्शाया गया है कि यह प्रधानमंत्री सड़क कितनी लागत से बन रही है । ठेकेदार द्वारा भ्रष्ट कर शासन को चूना लगाने का काम किया जा रहा है और अपने जेब भरने में माहिर नजर आ रहा है ।

पंचायत से एनओसी और माइनिंग से परमिशन नहीं-

वही गांव के ग्रामीणों ने बताया है कि यह ठेकेदार ना तो पंचायत से एनओसी लिया है और ना ही माइनिंग विभाग का कोई परमिशन फिर भी बेधड़क होकर अवैध मुरुम खनन कर शासन को चुना लगाने में लगा है ठेकेदार ।

हेकेदार को प्रशासन का डर नहीं

ठेकेदार के हौसल इतने बुलंद हैं कि उसे प्रशासन का कोई डर नहीं है। राजनीतिक दलों के कुछ जनप्रतिनिधि भी पर्दे के पीछे ठेकेदार को सपोर्ट कर रहे हैं। क्षेत्र में लंबे समय से अवैध खनन का खेल जारी है , लेकिन कार्यवाही शून्य है। कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। जंगलों में धड़लले से अवैध खनन का खेल चल रहा है। ठेकेदार जंगलों में अपनी नजर गड़ाए हुए हैं। रोजाना जंगल से बड़ी मात्रा में मुरुम का खनन कर परिवहन किया जा रहा है। अवैध खनन का खेल लंबे समय से चल रहा है। इसके बाद भी इस ओर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कार्यवाही नहीं होने से ठेकेदार के हौसले बुलंद हैं। प्रशासन द्वारा कार्यवाही के नाम पर खानापूर्ति कौ जा रही है। अधिकांश मुरुम युक्त सरकारी जगह या निजी जगहों सहित जेसीबी और टेक्टर सहित अन्य माध्यमों से अवैध खनन एवम परिवहन का कार्य चल रहा है। जंगल और मुरुम युक्त जगहों पर खाई बन गया है जहां कभी भी दुर्घटना होने का अंदेशा बना रहता है। खाई में तब्दील होने के बाद भी ठेकेदार के ऊपर कार्यवाही नही होने के कारण अब प्रशासनिक कार्यवाही पर सवाल उठ रहे हैँ।

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