स्वर्ण-प्राशन की “दो ड्राप बदलेगी आपके बच्चो की जिंदगी, बढ़ाएगी रोग प्रतिरोधक क्षमता और होगा बुद्धि का विकास”…4 जून शनिवार को अपने बच्चे को लेकर पहुंचें सारंगढ़ श्री राधाकृष्ण हॉस्पिटल…..

जगन्नाथ बैरागी
रायगढ़। सारंगढ़ में अब बच्चों को विलक्षण प्रतिभाओं का धनी बनाने के लिए श्री राधाकृष्ण हॉस्पिटल सारंगढ़ मे स्वर्ण प्राशन की ड्रॉप पिलाई जाएगी। जिससे बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर विकृतियों को दूर किया जा सके।
क्या है स्वर्णप्राशन-
स्वर्ण प्राशन संस्कार का उल्लेख कश्यप व सुश्रुत संहिताओं में भी वर्णित है। यह प्राचीन समय से ही आयुर्वेद इम्यूनाइजेशन का कार्य कर रहा है। पुराने समय मे माता-पिता अपने बच्चो के जन्म के बाद जीभ पर चांदी या सोने की सिलाई से ” ॐ ” लिखते थे। लेकिन अब यह संस्कार विलुप्त हो गया है। इसके उपयोग से ब’चों की शारीरिक, बौद्धिक क्षमता विकास के साथ-साथ रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।

जिसका मुख्य घटक स्वर्ण भस्म है। इसके साथ ही गौघृत, शहद ब्राह्मी, शंखपुष्पी, मंडूकपर्णी, ज्योतिषमति, गिलोय, वचा आदि औषधियों से निर्मित किया जाता है। स्वर्ण प्राशन हिंदू धर्म के 16 संस्कारों में से एक है।
स्वर्ण प्राशन कैसे और कब देते हैँ –
स्वर्ण प्राशन को पुष्य नक्षत्र वाले दिन 0 से 16 वर्ष तक के बच्चों को कराया जाता है। पुष्य नक्षत्र वाले दिन स्वर्ण की औषधीय शक्ति सर्वाधिक होने से विशेष रूप से लाभकारी होती है। पुष्य नक्षत्र पर पिलाने से इस ड्रॉप के विशेष चमत्कार देखने को मिलते हैं। क्योंकि इस दिन ग्रहों की शक्तियां ज्यादा होती है। पुष्य नक्षत्र हर महीने में एक बार आता है, इसलिए पुष्य नक्षत्र पर अच्छे परिणाम के लिए कम से कम छह बार यह ड्रॉप पिलानी चाहिए।
स्वर्ण प्राशन के लाभ-
कोरोना की तीसरी लहर से बचने के लिए बच्चो को स्वर्ण प्राशन ड्राप बहुत ही फायदेमंद है। आयुर्वेद का उद्देश्य स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा की जाए, ताकि रोग ही ना हो। स्वर्ण प्राशन भी इसी कड़ी में कार्य करने वाली उत्तम औषधि है। – यह शिशुओं की रोग प्रतिरोधक शक्ति एवं बुद्धि तथा सर्वांगीण विकास करता है,पाचन तंत्र की क्रिया को सम्यक करता है, जिससे भूख बढ़ती है। बच्चों की मेधा, बुद्धि, स्मृति, एकाग्रचित्तता का विकास होता है। इसके सेवन से बच्चों को सर्दी, जुकाम, मौसमी बीमारियों से बचने में सहायक है। स्वर्ण प्राशन सामान्य व असामान्य शिशुओं में शारीरिक व मानसिक वृद्धि में सहायक है, इसका प्रयोग पूर्णता दुष्प्रभाव रहित है।

आचार्य वाग्भट (अष्टांग हृदय) के अनुसार स्वर्ण प्राशन करने वाले शिशु पर घातक रसायन भी प्रभाव हीन होता है।
वैज्ञानिक रिसर्च के अनुसार –
पीजीआई लखनऊ एवं सेंटर फॉर बायोमेडिकल रिसर्च के वैज्ञानिकों के शोध में पुष्टि हुई है कि स्वर्णप्राशन से इम्यून सेल्स टी एवं बी सेल में वृद्धि हुई, जो कोरोना या दूसरे संक्रमण से रक्षा करती है। साथ ही इसके लेने का कोई भी दुष्प्रभाव नहीं हुआ। स्वर्ण प्राशन ड्राप की मात्रा ब’चों की आयु के अनुसार चिकित्सक के निर्देशानुसार दी जाती है।
श्री राधाकृष्ण हॉस्पिटल सारंगढ़ मे शनिवार 4 जून को कराया जाएगा स्वर्ण प्राशन-
डॉक्टर डी डी साहु जी से प्राप्त जानकारी के अनुसार पुष्य-नक्षत्र एवं स्वर्णप्राशन तिथि
( जून माह)
दिनाँक – 04/06/2022
दिन – शनिवार
पुष्य-नक्षत्र काल – संपूर्ण दिवस
क्लिनिक में स्वर्णप्राशन का समय – प्रातः 9 बजे से दोपहर 12 बजे के स्वर्ण प्राशन किया जाएगा। आप नीचे दिए गये नंबरों मे सम्पर्क कर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैँ।
07768233333
7898964177
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