शासन द्वारा मेडिकल कॉलेज को अपने भवन में जाने तथा जिला चिकित्साल्य को अतिशीघ्र चालू करने दिए निर्देश, देखें अमल कब तक….

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रायगढ़ :- रायगढ़ जिले की बहुप्रतीक्षित माँग के अनुरूप तत्कालीन सरकार ने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ोतरी के उद्देश्य से रायगढ़ में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया। जिसके लिए भारी भरकम बजट आवंटित करते हुए भवन निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जो मार्च 2010 में प्रारंभ हुआ। चूँकि मेडिकल कॉलेज का खुद का भवन बनकर तैयार होने में समय लगना था इसलिए यहाँ मेडिकल की पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स और प्रोफेसर डॉक्टरों की सुविधा के लिए जिला चिकित्सालय रायगढ़ के भवन और समस्त स्टाफ को रायगढ़ मेडिकल कॉलेज के अधीन कर दिया गया। जब तक मेडिकल कॉलेज का भवन तैयार नहीं हो जाता। लेकिन 2010 से निर्माण कार्य आज पर्यन्त पूर्ण नहीं हो पाया है। जिसके चलते पूरा स्टाफ के साथ-साथ भवन मेडिकल कॉलेज के शिकंजे में जकड़ा हुआ है। जिसे मेडिकल कॉलेज द्वारा कोई ना कोई बहाना बनाकर शिफ्टिंग मियाद को आगे बढ़ाते हुए जा रहा है। जिससे जिला चिकित्सालय का समुचित रखरखाव नहीं हो पा रहा है जिससे जिला चिकित्सालय भवन जर्जर हालत में पहुंच गया है क्योंकि मेडिकल कॉलेज सिर्फ और सिर्फ जिला चिकित्सालय का दोहन कर रहा है। सालों से रखरखाव के अभाव में जिला चिकित्सालय भवन जर्जर होने की कगार पर है। जिसमें से महिला मेडिकल वार्ड को तो इनके द्वारा कंडम घोषित भी करवा दिए हैं।

इन्हीं सब समस्याओं के निदान के लिए जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ यशवंत कुमार शिन्दे ने संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति शास चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध कि. शास. चिकित्सालय रायगढ़ (छ.ग.) को एक पत्र लिखकर जल्द से जल्द मेडिकल कॉलेज को खुद के नए भवन में स्थानांतरित करने और जिला चिकित्सालय रायगढ़ को अपने मूल स्वरूप में कार्य करने के लिए स्वतंत्र करने माँग की है। इस सम्बंध में जब हमने डॉ यशवंत कुमार शिन्दे से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि, मैंने संयुक्त संचालक एवं अधीक्षक स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति शास चिकित्सा महाविद्यालय संबद्ध कि. शास. चिकित्सालय रायगढ़ (छ.ग.) को एक पत्र लिखकर माँग की है कि, जल्द से जल्द हमें जिला चिकित्सालय रायगढ़ को समस्त स्टाफ़ के साथ भवन का प्रभार सौंपा जाए जिससे 8-10 सालों से बिना रखरखाव के संचालित भवन का उचित मरम्मत कार्य किया जा सके क्योंकि बरसात में और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

डॉ शिन्दे ने आगे बताया कि, छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मंत्रालय, महानदी भवन नया रायपुर के आदेश क्रमांक एफ 17-33/2012/ नौ / 55, नया रायपुर दिनांक 25 सितम्बर 2013 द्वारा रायगढ़ में प्रारंभ हो रहे स्व. लखीराम अग्रवाल स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय रायगढ़ को उनका अपना भवन व चिकित्सा अधिकारी/कर्मचारी नहीं होने के कारण जिला चिकित्सालय रायगढ़ का भवन सर्व सुविधाओं सहित एवं कार्यरत चिकित्सा अधिकारियों/कर्मचारियों को संचालक चिकित्सा शिक्षा को तात्कालिक स्थिति में MCI के मापदण्डों को पूर्ण करने हेतु हस्तांतरित किया गया था।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 15 अगस्त 2016 को रायगढ़ में शासकीय जिला चिकित्सालय प्रारंभ कर दिया गया, जिसके प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायगढ़ थे। आपको प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा माननीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में विगत वर्ष 2021 में हुई बैठक में जून 2021 तक जिला चिकित्सालय रायगढ़ के भवन व स्टाफ को सिविल सर्जन को जून 2021 तक हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया था अन्यथा जुलाई 2021 से आपका वेतन आहरण बंद किये जाने के निर्देश दिये गये थे, किन्तु कोविड 19 महामारी के प्रकोप के कारण आपसे प्रभार नहीं लिया गया था।

आपक दिये इसी आदेश के परिप्रेक्ष्य में अप्रेल 2021 में रायगढ़ जिला चिकित्सालय में शासन द्वारा सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक की पदस्थापना की गई।

कोविड 19 महामारी की विभिषिका खत्म होने के बाववजूद भी आपके द्वारा माननीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय व प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व चिकित्सा शिक्षा के आदेशों की अवहेलना करते हुए जिला चिकित्सालय का प्रभार सिविल सर्जन को नहीं दिया गया।

विगत लगातार 7 वर्षों से जिला चिकित्सालय से नियमित आय होने के बावजूद भी आपने अस्पताल के मुख्य भवन व मरीजों के वार्ड का नियमित रख रखाव व मरम्मत नहीं किया, जिससे भवन जर्जर स्थिति में पहुँच गया है तथा यहाँ आने वाले मरीजों के साथ कोई अनहोनी दुर्घटना हो सकती है जिसके लिए आप आपराधिक रूप से जिम्मेदार होंगे।

इस स्थिति को देखते हुए प्रमुख सचिव द्वारा संचालक स्वास्थ्य सेवायें व संबंधित अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में CIMS बिलासपुर में दिनांक 25:032022 को हुई बैठक में सिविल सर्जन को जिला चिकित्सालय रायगढ़ का प्रभार लेकर जर्जर भवन की मरम्मत का कार्य शीघ्रता-शीघ्र प्रारंभ करने हेतु आदेशित किया गया। मैने अधिष्ठाता, स्व श्री लअ स्मृचिकित्सा महाविद्यालय से बात की तथा दिनांक 08.04.2022 को उनकी तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति में आपके कार्यालय में बैठक हुई लेकिन आपके द्वारा पूर्व में प्रमुख सचिव में द्वारा दिये गये आदेश संदर्भ-2 संयुक्त संचालक के आदेशों को भी मानने से इन्कार कर दिया गया तथा संचालक चिकित्सा शिक्षा से दूरभाष पर चर्चा करने की बात कही गई। मैने भी दिनांक 08.04.2022 को ही संचालक चिकित्सा शिक्षा महोदय से दूरभाष पर चर्चा की जिसमें उन्होंने जिला चिकित्सालय के भवन व स्टाफ को तत्काल सिविल सर्जन को हस्तांतरित करने हेतु अपनी पूर्ण सहमति दी।

संचालक, स्वास्थ्य सेवायें छ.ग. द्वारा जिला चिकित्सालय रायगढ़ के जर्जर भवन की मरम्मत हेतु 2 करोड़ का आवंटन किया गया है, जिसका सिविल सर्जन के माध्यम से सी.जी.एम.एस.सी. द्वारा उपयोग करते हुए चिकित्सालय भवन व मरीजों के वार्डों की मरम्मत किया जाना है। अतः विभागीय स्वास्थ्य मंत्री महोदय एवं प्रमुख सचिव छ.ग. शासन द्वारा पूर्व में दिये गये आदेशों का पालन करते हुए जिला चिकित्सालय का संपूर्ण प्रभार सिविल सर्जन को हस्तांतरित करें प्रभार देने के पश्चात भी विभिन्न विभागों को मेडिकल कालेज अस्पताल में अपनी सुविधानुसार स्थानांतरित करने के लिए अतिरिक्त समय ले सकते हैं।

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