प्रेम एक नि:स्वार्थ भावना है और विवाह एक समझौता-सुश्री पूजा किशोरी जी

IMG-20220329-WA0018.jpg

(डडसेना परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में रूख्मणी मंगल की कथा)

रायगढ़:-सारंगढ-चंद्रपुर क्षेत्र के कटंगापाली डडसेना परिवार में आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के षष्ठम दिवस रुख्मणी मंगल विवाहोत्सव की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए कथावाचिका सुश्री पूजा किशोरी जी ने कहा कि श्री कृष्ण और रूख्मणी के बीच प्रेम कैसे हुआ इसकी बड़ी अनोखी कहानी है। रूख्मणी का पूरा बचपन श्री कृष्ण के साहस और वीरता की कहानियों को सुनते हुए बीता ।उनके लिए कई रिश्ते आए पर सभी को मना कर दी। उन्होंने आगे कहा कि श्रीकृष्ण राधा से भी प्रेम करते थे पर संसार में प्रेम को निस्वार्थ बनाने राधा से विवाह नहीं किया।क्योंकि प्रेम और विवाह दोनों अलग-अलग चीजें हैं।प्रेम एक नि:स्वार्थ भावना और विवाह एक समझौता है।आज कथा श्रवण करने शुभम थवाईत, दामिनी वैष्णव सहित डडसेना परिवार के सदस्य व आसपास के श्रद्धालु शामिल हुए।कथा के बीच बीच में संगीतमय भजन कीर्तन से श्रद्धालु झुमते नजर आ रहे हैं।कथा श्रवण करने आसपास के गांवों से भी श्रद्धालू पहुंच रहे हैं।आज अंतिम दिवस भब्य झांकी के साथ सुदामा चरित्र सुनाई जाएगी की कथा।

Recent Posts