छत्तीसगढ़ का नागलोक बना ये जगह… जहां सांपों के डसने से 14 मौतें, अब बनेगा स्नैक पार्क, जानकर रह जाएंगे हैरान…

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले को नागलोक के नाम से चर्चित पत्थलगांव, फरसाबहार, तपकरा, प्रत्येक वर्ष सर्पदंश के मामले सामने आता है। यहां सांपों की 40 से अधिक प्रजातियां पाई जाती हैं 2024 से अप्रैल 25 तक 525 मामले में 14 लोगों की मौत हुई थी। यहां प्रत्येक वर्ष दूसरे जिले के अपेक्षा यहां सबसे अधिक सर्पदंश के मामले सामने आता है।
जशपुर का तपकरा इलाका सांपों के लिए और भी प्रसिद्ध है। फरसाबहार तहसील से लगे इलाके को नागलोक के नाम से जाना जाता है। यहां 40 से अधिक प्रजातियों का सांप पाए जाते है जिसमे पांच प्रकार के सांप बेहद ही जहरीले होते है बारिश होते ही बरसात के दिनों में जमीन पर रेंगने वाले जहरीले जीव जन्तुओ एक्टिव हो जाते है अधिकांश मात्रा में ज़हरीले सांपों में कॉमन करेंत, कोबरा,बैंडेड करैत शहरों या ग्रामीणों इलाको के घरों या फिर घरों से आसपास देखने को मिलता है। फरसाबहार में अधिक मात्रा में सांप पाए जाने के सीएम विष्णु देव साय ने यहां बड़े पैमाने पर स्नैक पार्क बनाने की भी घोषणा किया था जिसको लेकर जिला प्रशासन के द्वारा स्नैक पार्क के लिए सर्वे किया जा रहा है और जल्द ही स्नैक पार्क बनाया जाएगा।
जशपुर जिले में अधिकतर सर्पदंश से मौत जागरूकता की कमी के कारण होता है लोग सांप के काटने पर ओझा बैगा के चक्कर में आकर अपना समय गवां देते है और काफी देर से हॉस्पिटल पहुंचने के वजह से उनकी जान चली जाती है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा लगातार यह सर्पदंश को लेकर जागरूकता अभियान भी समय समय चलाया है ताकि इस जागरूकता अभियान के जरिए लोग सर्पदंश को लेकर जागरूक हो और सांप के काटने के बाद समय रहते हॉस्पिटल पहुंच पाए और उनकी जान बच सके। जशपुर जिले में अधिकतर सर्पदंश के मामले बरसात के दिनों में ही होते है। यही वजह है कि ग्रामीण इलाकों में लोग आज जमीन पर सोते है और जहरीले सर्पदंश का शिकार हो जाते है।
इधर सर्पमित्रो के द्वारा भी लोगो को सोशल मीडिया के द्वारा और ग्रामीणों इलाको में सांप पकड़ने के दौरान की सर्पदंश के बचने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है। अब धीरे धीरे लोग सर्पदंश को लेकर जागरूक हो रहे है यही कारण है कि सर्पदंश के मामले में कमी देखने को मिल रही है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार पिछले वर्ष 2024 में पूरे जिले में 525 सर्पदंश के मामले आए थे जिसमे 14 लोगों की मौत लेट से हॉस्पिटल पहुंचने के कारण मौत हुई थी और बाकियों को सकुशल सुरक्षित बचाया गया है।
इस वर्ष की बात करे तो अप्रैल से लेकर अब तक 56 दर्शदंश के मामले आए है जिसमे दो लोगों की मौत हुई बाकी सभी 54 लोग पूरी तरह से स्वास्थ्य होकर अपने घर लौटे है इधर सीएमएचओ जी.एस.जात्रा ने बताया कि पूरे जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में स्नैक एंटीवेनम पर्याप्त मात्रा में है चाहे वह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र या सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र या फिर जिला चिकित्सालय हो और यहां के सभी डॉक्टर्स सर्पदंश को लेकर एक्सपर्ट है।
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