सारंगढ़–2 लाख 80 हज़ार की राशि नही पचा पाये सरपँच/सचिव….खुद को बचाने मजबूरी में करवाना पड़ रहा निर्माण कार्य..!

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जगन्नाथ बैरागी

रायगढ़-सारंगढ़ का नाम जेहन में आते ही लोगों के जेहन में एक ऐसे क्षेत्र की कल्पना होती है जहां किसी का जेभ भले ही खाली हो परन्तु कोई भूखा नही रहता..अनजाने मेहमान के लिए अपनी रोटी बांटने के लिए महशूर सारंगढ को कुछ व्यक्तियों द्वारा धूमिल करने का प्रयास बदस्तूत जारी है।

अभी सरपँच पति द्वारा गाँव के ही युवक को जान से मारने के प्रयास में चर्चा का केंद्र रहा ग्राम पंचायत चँदाई अपने सरपँच/सचिव के बिन निर्माण ही राशि हड़पने के मामले में पुनः चर्चित हो गया है।

जनपद स्तर पर भी हो चुकी है लिखित शिकायत

सरपँच/सचिव पर पहले से ही ग्रामीण और पंच आरोप लगाते आये हैं कि ये आपस में साठगांठ कर निर्माण कार्य की राशि बैठक और पंचों के जानकारी बिना आहरित करते हैं। पंचों ने लिखित में जनपद सीईओ को शिकायत में लिखा कि सरपँच चित्रलेखा मनहर और सचिव जनकराम जायसवाल दोनो आपसी सांठगाठ कर राशि का दुरुपयोग करते हैं। लेकिन सीईओ अभिषेक बैनर्जी द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नही की गयी, जिसके कारण दिनबदिन इनका मनोबल बढ़ता गया।

सुखराम खूंटे और बाबूलाल भारद्वाज द्वारा सूचना के अधिकार नियम के तहत सचिव जनकराम जायसवाल से निर्माण कार्य और खर्च की जानकारी मांगी गयी तब भी सचिव द्वारा सूचना के अधिकार नियम का भी अवहेलना किया गया और जानकारी नही दी गयी।

बिन कार्य राशि हड़पने के सम्बंध में मुख्यमंत्री से शिकायत –

जनपद स्तर में कोई कार्यवाही नही होता देख ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत लिखे थे जिसमें बताया गया है कि ग्राम सरपंच एवं सचिव के द्वारा 14वें वित्त आयोग जो सी0सी0रोड निर्माण जिसे नवल घर से मेन रोड तक बनाये जाने हेतु शासन द्वारा 2,80,000/-रू का पूर्ण भुगतान, वाउचर कमांक FFC/2020-21/P/23 वाउचर
दिनांक 21/10/2020 को कर दिया गया है।

जिसे ग्राम पंचायत सरपंच एवं सचिव द्वारा मिलीभगत कर शासन द्वारा दी गई समस्त राशि2,80,000/-रू का न तो कोई निर्माण कार्य कराया गया और न ही इस भुगतान राशि का किसी भी प्रकार से ग्राम पंचायत के विकास कार्य लगाया गया है। बल्कि इस राशि को सरपँच चित्रलेखा मनहर और सचिव जायसवाल द्वारा
सांठगाठ किया जाकर शासन को गुमराह करते हुये कागजीय कार्यवाही पूरा किया जाकर पूर्णरूप से गबन कर लिया गया है। जबकि भुगतान की गई राशि में सी०सी०रोड निर्माण जो नवल घर से मेन रोड तक का उल्लेख किया गया है, कि स्थिति पूर्णरूप से जर्जर व क्षतिग्रस्त हो गई है जिसमें आमजन एवं वृद्ध बच्चों का चलना भी दुर्लभ हो गया है। इसकी शिकायत भी आवेदक एवं ग्रामवासी द्वारा वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत भी दी गई है किन्तु पूर्व में 14वें वित्त आयोग की राशि 2,80,000/-रू0 का
उक्त सडक निर्माण बताया जाने पर से उसी सडक पर और राशि भुगतान नही किये जाने का कथन किया गया है। जबकि वह सडक न तो पूर्व में 14वें वित्त की राशि बनाहै और न ही किसी अन्य मद से बल्कि जर्जर स्थिति में आज भी पडी हुई है। जहां आये दिन दुर्घटना भी होती रहती हैं जहां जांच किया जाकर विषयांकित वर्तमान सरपंच एवं सचिवों के विरूद्ध उचित कार्यवाही किया जाकर पद से पृथक करते हुये उक्त मद से प्राप्त राशि 2,80,000/-रू0 वसूली किया जाना भी न्यायोचित होगा। जिसकी जानकारी ग्रामीणों ने मीडिया से भी की थी, और उक्त भ्रस्टाचार को मीडिया ने प्रकाशित भी किया था।

आनन फानन में शुरू किया गया निर्माण कार्य-

अपने को पूरी तरह फंसते देख और अपने पति हृदयराम मनहर द्वारा गाँव के ही युवक पर जानलेवा हमले में चारों तरफ से घिरते देख सरपँच चँदाई द्वारा आनन फानन में मजदूर बुलाकर उक्त सीसी रोड (जिसका पैसा पूर्व में उनके द्वारा निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है कहकर आहरित कर लिया था) उसे कल से प्रारम्भ कर दिया गया है। क्योंकि सरपँच को अपनी पद और सचिव को नौकरी जो बचानी है।

ग्रामवासियों में अभी भी नाराजगी-

अब तक इनके राशि गबन से अनजान कुछ ग्रामवासियों को अब पता चल रहा है कि उक्त राशि को निर्माण कार्य पूर्ण कर लिए हैं कहकर पहले से निकाल लिया गया था

अभी मुख्यमंत्री से शिकायत और मीडिया में खबर चलने के पश्चात आआन-फानन में सरपंच/सचिव द्वारा सीसी रोड बनवाया जा रहा है तो भोले-भाले ग्रामीणों में आक्रोश की लहर सी दौड़ गयी है। और हो भी क्यों न..!क्योंकि ग्रामीणों द्वारा महज भरोसे और उम्मीद से ही किसी को अपना बहुमूल्य वोट देकर ग्राम के विकास के लिए प्रतिनिधि बनाया जाता है, और उनके द्वारा जब उन्ही ग्रामवासियों को छला जाये तो गुस्सा होना लाज़मी है…

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