सारंगढ़: क्या खनिज विभाग के संरक्षण में खुलकर नियमो को ठेंगा दिखा रहे खनीज माफिया! बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के खदान चलाने की मौखिक अनुमति देकर प्रतिमाह कर रहे मोती कमाई? बिना रायल्टी के परिवहन हो रहे वाहनो को चेहरा देखकर कर रहे कार्यवाही…
सारंगढ़। खनिज संपदा से परिपूर्ण सारंगढ़ बिलाईगढ जिले मे खनिज विभाग अवैध कार्यो को संरक्षण प्रदान कर अवैध उगाही करते हुए जमकर मनमानी कर रहा है। वही बिना पर्यावरणीय स्वीकृति के खदान चलाने की मौखिक अनुमति प्रदान करते हुए खनिज विभाग मोटी कमाई हर माह कर रहा है। अवैध कमाई के लिये क्षेत्र को प्रदूषित करने और नियमो को ताक में रखकर प्रोटेक्शन को वादा करने में खनिज विभाग माफियाओ से गहरे रिश्ते के साथ सरकारी खजाने मे चूना लगा रहे है।
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ बिलाईगढ जिले मे खनिज विभाग जमकर मनमानी करने पर उतारू हो गये है। यहा पर खनन माफिया खनिज विभाग के संरक्षण में खुलकर नियमो को ठेंगा दिखा रहा है। बताया जा रहा है कि सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले मे एक भी चूना पत्थर की खदान को पर्यावरणीय स्वीकति राज्य स्तर की समिति से प्राप्त नही हुई है। किन्तु एक भी चूना पत्थर की ._ खदान पर खनिज विभाग कोई कार्यवाही नही. कर रहा है। बल्कि खदान संचालको की तरफदारी करते हुए पर्यावरणीय स्वीकृति होने का दावा खनिज विभाग के आला अधिकारी कर रहे है। यही नही जिन खदानो की लीज खत्म हो गई है उनको भी खनन करने की छूट प्रदान किया जा रहा है जबकि बिना रायल्टी के परिवहन हो रहे वाहनो को चेहरा देखकर . कार्यवाही किया जा रहा है। सप्ताह मे महज. एक या दो दिन कार्यवाही नाम मात्र का किया जा रहा है तथा पहले से ही छापामारने की ._ जानकारी लीक कर दिया जा रहा है बाकि खनन माफियाओ की वाहन पकड़ से दूर रहे। वही अवेध खदानो में कोई दबिश नही दिया जा रहा है बल्कि यहा पर अवैध रूप से उगाही ._ का काम किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि खनिज विभाग सारंगढ़ में हर कार्य का दर फिक्स है तथा खनन माफिया बैध या अवैध कार्यो के लिये निश्चित राशी प्रदान कर अपना मनमानी कर सकता है। इस मामले मे दिलचस्प बात 12 फरवरी को सामने आया जब खर्री बडे मे संचालित खदानो को लेकर खनिज अधिकारी हीरादास भाराद्धाज से जानकारी पूछी गई तो उन्होने वहा पर की खदानो को पर्यावरणीय स्त्रीकृति होने की जानकारी प्रदान किया। किन्तु आज जब उनके कार्यालय जाकर पर्यावरणीय स्वीकृति को लेकर चर्चा किया गया तो उन्होने खर्री बडे के खदान के पर्यावरणीय स्वीकृति नही होने की जानकारी दिया। ऐसे दो प्रकार के जानकारी जिला खनिज अधिकारी जैसे पद पर कार्यरत सरकारी व्यक्ति करे तो पहली ही नजर में मामला संदेहस्पद नजर आ रहा है।
सारंगढ़ के खनिज विभाग की शिकायत?
इस संबंध मे मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ के खनिज विभाग के कार्यशैली की शिकायत राजधानी में सरकार के बड़े मंत्रियों के पास किया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के अवैध उत्खनन और अवैध परिवहन पर कार्यवाही के निर्देश के विपरीत यहा पर खनन माफियाओ के अनुसार अवैध खदान का संचालन और अवैध खनिज परिवहन तथा ओव्हरलोड़ और बिना रायल्टी के माल खपाने जैसे मामले की संख्या लगभग 70 फीसदी को पार कर गया है। ऐसे मे छत्तीसगढ़ की नई सरकार को बदनाम करने मे सारंगढ़ का खनिज विभाग कोई कसर बाकि नही छोड़ रहा है। शिकायत के बाद भी अवैध खदानो पर कार्यवाही करने के स्थान पर उनको संरक्षण प्रदान करने मे सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के खनिज विभाग सबसे आगे है। बहरहाल अब देखना है कि अवैध खदानो के संचालन पर कार्यवाही को लेकर खनिज विभाग हरकत में आता है या अपना अवैध उगाही का धंधा को बरकरार रखता है।