ज्यादा गुनहगार कौन – ठगराज शिवा साहू या उसके एजेंट ? पैसे डबल करने वाले जादूगर शिवा साहू के पास कैसे पहुंचता था पैसा? क्या करता था 22 वर्षीय शिवा उन पैसों का? सारंगढ़ में शिवा साहू के कौन- कौन हैँ एजेंट ? पूछता है सारंगढ़….

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सारंगढ़: ठगराज शिवा साहू जिसके बुने जाल में सैकड़ों लोग फंसकर अपने पैसे डबल कराने के लालच में आज सिर धुन रहे हैँ, लेकिन अब तक अंडरग्राउंड हुए शिवा किस गुफ़ा में छिपा है या किसी अन्य राज्य में है अथवा देश से बाहर निकल चुका है यह कहना जल्दबाजी होगी। फिलहाल छत्तीसगढ़ में भूचाल मचाकर बड़े बड़े नेता, अधिकारी, किसान से लेकर गरीब तक के पैसे को डबल कराने का लालच देकर जिस तरह मिस्टर इंडिया की तरह गायब हो गया आम पब्लिक के साथ बुद्धिजीवी भी आश्चर्य चकित हैँ। डेढ़ साल पहले खेती किसानी और अपने पिता के साथ बढ़ई काम में हाथ बटाने वाला शिवा अचानक करोड़ों की संपत्ति का मालिक कैसे बना? वो पैसे कैसे लेता था? उन पैसों का करता क्या था? ये सब आज भी मिस्ट्री बनी हुई है? सबसे बड़ा सवाल यह उठता है की रायकोना निवासी के सारंगढ़ में एजेंट कौन कौन थे जिनके माध्यम से पैसा शिवा के पास पहुंचता था।

एजेंटो के माध्यम से पहुंचता था पैसा –

शिवा साहू को जानने वाले लोगों ने नाम ना छापने के शर्त पर बताया की शिवा साहू के अंदर दर्जनों एजेंट अलग अलग लोकेशन पर काम करते हैँ, और उन एजेंडो के नीचे भी गांव गांव में सब एजेंट के रूप में काम कर रहे हैँ। छोटे एजेंट बड़े स्तर के एजेंट को वैसा देते हैँ और फिर एजेंट उस पैसे को शिवा तक पहुंचाते थे। अर्थात शिवा खुद पैसे ना लेकर एजेंटो के माध्यम से पैसे का लेन देन करता था।

कैसे काम करते थे एजेंट?

दर्जनों मुख्य एजेंट अलग अलग ज़ोन में छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में फैले हैँ, जो किसी का भी उदाहरण देकर पैसा डबल होने की बात फैलाते हैँ, फिर ये अपने निचले स्तर पर ग्रामीण इलाकों के लिए भी सब एजेंट नियुक्त करते थे, तथा ग्रामीणों को कुछ बड़े नाम की जानकारी देते थे की फलाँ रईस भी शिवा के पास पैसे जमा करता है और 30 से 36 प्रतिशत ब्याज लेता है। इससे गरीब और किसान भी पैसे डबल के लालच में पैसा अपना जमीन जायदाद तक गिरवी रखकर या बेचकर शिवा के ग्रामीण एजेंट को पैसा देते हैँ और ये पैसा बड़े एजेंडो के माध्यम से 22 वर्षीय शातिर शिवा के पास पहुंचता है।

कम से कम 50000 ₹ जमा करना आवश्यक ?

सूत्रों के अनुसार शिवा के पास पैसा जमा करने की न्यूनतम राशि 50 हज़ार थी, जिस कारण गरीब लोग भी जल्द अमीर बनने की लालच में जमीन जायदाद गिरवी रखकर शिवा के एजेंट या दूसरे शब्दों में दलालो को पैसा देते थे। अर्थात शिवा का पैसे देने वालों से कोई सीधा संपर्क नही था अपितु ये एजेंट ही बहला फुसलकार लोहों को ठगने का काम करते थे।

पैसो का क्या करता था शिवा ?

यूँ तो जब तक शिवा की गिरफ्तारी नही हो जाती इस बारे में कुछ भी कहना मुनासिब नही होगा, लेकिन सूत्रों के अनुसार शिवा ज्यादा कमाई के लालच में मोटी रकम देने वालो के पैसे को कम पैसे वालों में बाँट देता था जिनकी संख्या अधिक थी। पैसे में अथाह ब्याज पाने का सपना दिखाकर वाले कम पैसे लगाने वाले का नाम बताकर अपने चिन परिचित वालों को शिवा के बारे में बताते और की कैसे उसका पैसा शिवा के माध्यम से डबल हो गया और सीधे सादे लोग भी कमीशन पाने के लालच में पैसा लगाते थे इस तरह शिवा माउथ पब्लिसिटी का फायदा उठाकर ना सिर्फ सारंगढ़ बिलाईगढ़ बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ में “पैसा डबल वाला जादूगर” के नाम से मशहूर होते गया। फिर क्या बड़े बड़े व्यापारी से लेकर नेता अधिकारी सब इसके जाल में बिना सोचे समझे आते गये, और शिवा pub G खेलने की उम्र में लोगों के पैसों से खेलता गया।

कहाँ गड़बड़ाया मामला ?

प्राप्त जानकारी के मुताबिक शिवा छोटे रकम वालो को तो बराबर ब्याज देता गया लेकिन बड़े रकम वालों का पैसा सही टाइम में नही दे पाया बस वहीं से शिकायत का दौर शुरु हो गया, पहले शिवा के डर से खौफ खाने वाले रकमदार डरते थे लेकिन जब शिवा ने कइयों के साथ ऐसा किया तो हिम्मत कर कुछ लोग इकट्ठे होकर थाने में शिकायत दर्ज करने विवश हुए!

होशियारी पड़ी भारी ?

जब कुछ लोगों ने सरसिवा थाने मे शिवा और उसके एजेंट के खिलाफ ठगी की शिकायत की तो शक्ति प्रदर्शन करते लगभग 200 गुर्गे थाने का घेराव करने पहुंच गये , जैसा साउथ फिल्मों मे विलेन के लोग करते हैँ, बस यहीं शिवा से चुक हो गई! इस प्रकरण कम मीडिया ने हाथो हाथ लिया और पुलिस थाने मे शिवा की गुंडागर्दी और पैसे डबल करने की बात छत्तीसगढ़ के कोने कोने तक पहुंच गई, अब शिवा फ़रार है।

सबसे बड़ा सवाल एजेंट कौन कौन ?

अब सारंगढ़ की जनता के मन मे यह सवाल उठ रहा है कि शिवा सारंगढ़ मे शिवा के एजेंट कौन कौन थे, जो ग्रामीण और शहरी इलाके मे लोगों से पैसे लेकर शिवा तक पहुंचाते थे।
अगर सूत्रों कि माने तो कुछ लोग सारंगढ़ अंचल में एजेंट के रूप में सक्रिय थे, अगर लोगों की बात सही है तो पुलिस का हाथ इन तक पहुंचा तो अपने आप बाकियों का पोल खुल सकता है। बहरहाल पुलिस एजेंटो कि सारी हिस्ट्री खंघालने में लगी है।

क्या कहते हैँ थाना प्रभारी – टीकाराम खटकर

– प्रदेश के उच्चाधिकारियों एवं एसपी के निर्देश पर टीम गठित है, विगत दिनों रायपुर के ठिकाने पर पुलिस ने दबिश दी थी, एजेंटो के बारे मे जानकारी शिवा के गिरफ्तारी के बाद पुरी तरह स्पष्ट हो जाएगी, आरोपी जल्द ही पुलिस के गिरफ्त मे होंगे।

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