गरीबों के लिए बेहद काम की है मोदी सरकार की यह योजना, हर रोज मिलते हैं 500 रुपये..

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केंद्र सरकार आम लोगों के जन कल्याण के लिए कई तरह की योजनाओं को चलाती है. इसमें राशन, आवास, पेंशन, बीमा, शिक्षा, रोजगार जैसी कई अहम योजनाएं शामिल हैं. इसी में से एक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना है.
इस योजना की शुरुआत 17 सितंबर 2023 को की गई थी.

इस योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक व्यापारों को जोड़ा गया है. इसमें आर्थिक लाभ देने का प्रावधान है. आइए इस खबर में हम आपको बताते हैं कि कैसे आप इस योजना से जुड़ सकते हैं? आप इस विश्वकर्मा योजना के लिए पात्र हैं या नहीं? अगर पात्र हैं तो क्या लाभ मिल सकता है.

क्या है यह योजना?

इस स्कीम से पारंपरिक कौशल वाले लोगों को अपना कारोबार खड़ा करने में मदद मिलती है. इस स्कीम में लोगों को लोन तो मिलता ही है, साथ ही स्किल ट्रेनिंग भी मिलती है. पीएम विश्वकर्मा योजना में लोहार, सुनार, कुम्हार, कारपेंटर और चर्मकार जैसे पारंपरिक स्किल वाले लोगों को फायदा मिलता है.

किन्हें मिल सकता है लाभ?
लाभ लेने वाले लोगों में राजमिस्त्री हैं, नाव निर्माता हैं, लोहार हैं, जो लोग ताला बनाने वाले हैं, नाई हैं, मालाकार और धोबी हैं. इसके साथ ही पत्थर तराशने वाले, फिशिंग नेट निर्माता और टोकरी/चटाई/झाड़ू बनाने वाले लोगों को भी शामिल किया गया है. अगर आप मोची/जूता बनाने वाले कारीगर हैं और दर्जी हैं, अगर आप गुड़िया और खिलौना निर्माता हैं तो आप इस योजना का लाभ ले सकते हैं. साथ ही अगर आप पत्थर तोड़ने वाले हैं, आप हथौड़ा और टूलकिट निर्माता हैं आदि. ये सभी इस योजना के लिए पात्र माने जाते हैं.

क्या मिलेगा लाभ?

पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत मिलने वाले लाभों की करें तो इसमें लाभार्थियों को जो ट्रेनिंग दी जाती है, उसके बदले रोजाना 500 रुपये स्टाईपैंड दिया जाता है. योजना के अंतर्गत इसेंटिव देने का भी प्रावधान है. योजना से जुड़ने के बाद लाभार्थियों को 15 हजार रुपये टूलकिट खरीदने के लिए दिए जाते हैं. बिना गारंटी और सस्ती ब्याज दर पर पहले एक लाख रुपये का लोन दिया जाता है. फिर इस लोन को चुकाने के बाद अतिरिक्त 2 लाख रुपये का लोन लिया जा सकता है.

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