सारंगढ़ अंचल मे सत्साह, हर्षोल्‍लास, एवं भावपूर्वक किया गया गणेश विसर्जन,शहरों और ग्रामीण दोनो क्षेत्रों मे भक्तों ने लगाए गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे…..

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सार्वजनिक स्थानों में बड़े बड़े पंडालो को लगा कर जगह जगह हर्षोल्‍लास, उमंग और उत्‍साह के साथ गणेश स्थापना किया गया था चतुर्थी के दिन भक्‍त गणेश जी की मूर्ति को लाकर उनका स्वागत सत्‍कार करते हैं गणेश जी की मूर्ति विराजित की जाती कि और अनंत चतुर्थी के दिन विसर्जन किया जाता है। आज 09 सितंबर दिन शुक्रवार को पूरे 10 दिन भगवान श्री गणेश को अपने घर मे रखकर नियमपूर्वक पूजा स्थापना कर विसर्जित किया जाएगा। यह त्योहार पूरे 11 दिनों तक मनाया जाता है, श्री गणेश के जन्‍म का यह उत्‍सव गणेश चतुर्थी से शुरू होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्‍त होता है।

अनंत चतुर्दर्शी के दिन गणेश जी की प्रतिमा को जल में विसर्जित कर दिया जाता है। इस तरह यह उत्सव 10 दिनों तक मनाया जाता है, 10 दिनों के बाद गणेश जी की प्रतिमा विसर्जित की जाती है, और जो लोग 10 दिनों तक प्रतिमा को रखने में असमर्थ है वो को डेढ़ दिन, 4 दिन, 5 दिन, 7 दिन या 11 वे दिन प्रतिमा विसर्जित करते है, लेकिन अधिकतर श्रद्धालु इसे आज 09 सितंबर अर्थात अनंत चतुर्थी के दिन ही विसर्जन करेंगे।

आज अनंत चतुर्दशी के दिन प्रतिमा को एक विशाल रैली के माध्यम से, नाचते गाते, खुशी के साथ पास के नदी, तालाब, समुद्र आदि स्थानों पर विसर्जित कर दिया जाएगा, विसर्जन के साथ मंगल मूर्ति भगवान गणेश को विदाई दी जाएगी, साथ ही उनसे अगले बरस जल्‍दी आने का वादा भी लिया जाएगा। पूरे प्रदेश मे सारंगढ़ अंचल का गणेशोत्सव प्रशिद्ध है, यहाँ नगर के अलावा प्रत्येक गाँव मे गणेश स्थापना किया जाता है किसी गाँव मे तो 10 से 20 की संख्या मे भी बप्पा विराजते हैँ जो की अपने आप मे ऐतिहासिक रहता है

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