छत्तीसगढ़ के धार्मिक जगहों में भी शराब पर लगेगा बैन!.. क्या MP की तर्ज पर बड़ा फैसला ले सकती है प्रदेश सरकार?.. जानें किसने छेड़ी चर्चा…

IBC24-News-Web-News-Thumbails-4-19-1024x683.jpg

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पहुंचे बागेश्वर धाम के चर्चित हिंदू भागवताचार्य पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने महाकुंभ और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर बेबाक बयान दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने धार्मिक स्थलों पर शराब बिक्री को लेकर एक बड़ा सुझाव दिया। पंडित शास्त्री ने कहा कि जिस तरह मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री प्रतिबंधित करने की पहल की जा रही है, उसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ में भी ऐसा कदम उठाना चाहिए।

क्या छत्तीसगढ़ में होगी शराबबंदी?

इस मुद्दे पर बेलतरा के भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने कहा कि यदि ऐसा कोई प्रस्ताव आता है, तो सरकार को इसे लागू करना चाहिए। उनका बयान सामने आने के बाद राज्य में यह चर्चा जोर पकड़ रही है कि क्या छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाएगी।

कांग्रेस का वादा और विदाई

गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने शराबबंदी को अपने घोषणापत्र में प्रमुखता से शामिल किया था। शराब के कारण बढ़ते अपराध और सामाजिक बुराइयों से त्रस्त जनता ने कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में इस वादे को मुख्य आधार बनाया। खासकर महिलाओं ने इस मुद्दे पर कांग्रेस का भारी समर्थन किया था। सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने सत्यनारायण शर्मा के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन भी किया, लेकिन शराबबंदी का वादा पूरा नहीं हो सका। परिणामस्वरूप, जनता ने अगले चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया।

मध्यप्रदेश में धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में घोषणा की कि राज्य के 17 प्रमुख धार्मिक स्थलों पर शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। एक सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने कहा, “शराब के दुष्प्रभावों से सभी परिचित हैं। हम नहीं चाहते कि हमारे युवा इससे प्रभावित हों, क्योंकि वे देश का भविष्य हैं।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि राज्य में भगवान राम और कृष्ण से जुड़े स्थानों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया जाएगा और इन स्थानों पर शराबबंदी लागू की जाएगी।

राज्यों में उठने लगी मांग

मध्यप्रदेश की इस पहल के बाद अन्य राज्यों में भी धार्मिक स्थलों पर शराब बिक्री को रोकने की मांग तेज हो रही है। सामाजिक और धार्मिक संगठनों का कहना है कि यदि पूरे राज्य में शराबबंदी संभव नहीं है, तो कम से कम चिन्हित धार्मिक स्थलों पर सार्वजनिक रूप से शराब की बिक्री पर रोक लगाई जानी चाहिए।

Recent Posts