सारंगढ़ न्यूज़: जांचकर्ता अधिकारियों के निष्पक्ष जांच पर उठ रहा सवाल..! जांच-कर्ता अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी व इंजीनियर बसंत की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में…?
कृष्णा महिलाने
सारंगढ़:- प्राप्त जानकारी के अनुसार सारंगढ़ जनपद-पंचायत क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत हिच्छा में भ्रस्टाचार को लेकर 2 माह पहले शिकायत हुआ था। जिसमें जांच अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी व इंजीनियर बसंत मांझी थे, जिन पर शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दोनो ने शिकायतकर्ता को बिना सूचना दिए जांच करने चले गए और आआन-फानन में बिना सूचना के ही जांच कर कर रिपोर्ट भी तैयार कर लिया और जांच का रुख ही बदल दिया..!
ग्रामीणों के अनुसार जांच में पाया गया है कि एक माँ अपने ही बेटे व देवरानी उतरा साहू से पैसा कर्ज में लेता है और पंचायत का काम कराती है फिर अपने ही स्वार्थ के लिए अपने बेटे व देवरानी के बैंक खाते में पंचायत के पैसा डाला जाता है।
दरअसल उक्त मामला ग्राम पंचायत हिच्छा का है जिसमे महिला सरपंच ने 14वें, 15वें वित्त के राशि को अपने बेटे व देवरानी के नाम से बिल व्हाउचर के माध्यम से आहरण किया था।जिसकी शिकायत की गई थी। जिसके जांच के लिए करारोपण अधिकारी जगन्नाथिया सोनवानी व इंजीनियर बसंत मांझी को नियुक्त किया था। लेकिन अब शिकायत कर्ता ने उल्टा जांच अधिकारीयों पर ही गम्भीर आरोप लगाया है कि दोनों ने नियम के विरुद्ध जांच किया है व कोरोना काल का हवाला देकर मामले को नए दिशा में मोड़ने का प्रयास किया है। ग्रामीणों के अनुसार जांच में कहा गया है कि महिला सरपंच अपने बेटे से कर्ज में पैसा लिया था,अगर कर्ज में पैसा लिया गया था तो और भी तरीका था पैसा लौटाने का लेकिन सरपंच ने अपने निजी फायदे के लिए सभी नियमों को ताक में रख कर अपने ही बेटे के नाम से पैसा आहरण किया है,जो 1993 पंचायती राज अधिनियम के धारा 40 के अंतर्गत आता है।
शिकायतकर्ता और ग्रामीणों की माने तो नियमों व पंचायती राज अधिनियम को अनदेखा कर करारोपण अधिकारी जगन्नाथिया सोनवान व इंजीनियर बसंत मांझी ने सरपंच के बचाव में झूठा पालन प्रतिवेदन जनपद पंचायत को जमा किया गया है।