सारंगढ़

आबकारी व पुलिस के संरक्षण में बरमकेला सरिया डोंगरीपाली के पंचायतों में अवैध शराब की बह रही गंगा….! बच्चे युवाओं का विनाश, शराब कोचियों का खूब हो रहा विकास….

बरमकेला। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के बरमकेला, सरिया ब्लाक में इन दिनों अवैध महुआ शराब की गंगा पुलिस व आबकारी विभाग की मेहरमानी से बह रही है। यहां की अनेकों पंचायत अवैध महुआ शराब का जखीरा बन गया है। एक तरफ नशा मुफ्त अभियान चलाने का ढिढौंरा पीटा जा रहा तो दूसरी तरफ खुलेआम गांवों में अवैध शराब की दुकानें चल रही है। इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए महिलाओं ने मोर्चा खोलते हुए कई बार लिखित शिकायत की। बावजूद इसके आबकारी विभाग के सब इंस्पेक्टर व बरमकेला पुलिस महिलाओं की शिकायत पर कार्रवाई तो दूर झांकने तक गांव नहीं पहुंची। इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों के हौसले इतने बुलंद हैं कि पुलिस व आबकारी को अपनी जेब की कठपुतली बताते हुए कुछ न बिगाड़ पाने की धौंस देते हैं। गांवों में अवैध शराब ब्रिकी के कारण माहौल पूरी तरह से खराब हो चुका है। महिलाओं व लड़कियों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

इन पंचायतों में खुलेआम बिक रही महुआ शराब :

बरमकेला ब्लाक के ग्राम पंचायत डभरा, गोबरसिंहा, ग्राम पंचायत हट्टापाली, ग्राम पंचायत करपी, खन्‍म्हरिया, जोगनीपाली, कालाखूंटा, सोनबला, लेंध्रा, डोंगरीपाली…… समेत अनेक गांवों में आबकारी व पुलिस विभाग के संरक्षण में अवैध शराब की मिनी फैक्ट्रियां संचालित हो रही है।

कोचियों का खूब हो रहा विकास :

बरमकेला ब्लाक के शराब तस्करों का इन दिनों विकास के संरक्षण में खूब विकास हो रहा है। आबकारी विभाग पर आरोप है कि मंथली कमीशन लेकर खूब बनवाया व बेचा जा रहा है। जिससे तस्करों की तरक्की खूब हो रही है, जबकि अवैध शराब की जकडतन्न में आने के कारण लोगों व गांवों के विकास पर ग्रहण हो रहा है। लोगों को गांव में आसानी से शराब मिलने के कारण अपनी पूरी कमाई इसी में खर्च कर रहे तो वहीं शराब के नशे में धुत होने के कारण कामकाज भी नहीं कर रहे। इसकी वजह से लोगों व गांवों के विकास पर विकास के कारण ग्रहण लग चुका है।

छोटे छोटे मासूम बच्चे भी नशे की गिरफ्त में :

गांवों में खुलेआम अवैध शराब बिक्री के कारण छोटे छोटे मासूम बच्चों का भविष्य पर भी दाव लग गया है। दरअसल, स्कूल जाने व खेलने कूदने की उम्र में इन बच्चों को शराब के नशे ने जकड़ लिया है। छात्र व युवा वर्ग से लेकर बड़े तक सभी नशे की गिरफ्त में फंसते चले जा रहे हैं। गांव में अवैध महुआ शराब की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। घरों के आस पास भी नशे के सौदागर मादक पदार्थ बेचने से बाज नहीं आ रहे हैं और विरोध करने पर लोगों को डराया धमकाया जा रहा है। इस अवैध कारोबार पर रोक लगाने की गुहार कई बार पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से लगाई जा चुकी है। यहां तक कि अधिकारियों को मादक पदार्थों के अड्डे व इससे जुड़े बड़े लोगों के नाम तक बताए जा चुके हैं, बावजूद इसके कार्यवाही नहीं हो रही है।

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