रायगढ़

गायनिक वार्ड मे अब नही रहेगा संक्रमण का खतरा ! गर्भवती माताओं का होगा सघन उपचार….. एमसीएच मे 38 लाख रुपये की लाहत से बन रहा 30 बेड का MNCU न्यू बोर्न केयर यूनिट वार्ड….

रायगढ़। मातृ शिशु अस्पताल (एमसीएच) में 38 लाख रुपए की लागत से 30 बेड का न्यू बोर्न केयर यूनिट (एमएनसीयू) तैयार हो रहा है।इसके बन जाने से गायनिक वार्ड में संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा और गर्भवती माताओं का अलग से सघन उपचार किया जाएगा। अब तक देखा जा रहा था कि कई बार जन्म के बाद माताओं के बीमार रहने से उनके बच्चों में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता था। इसके अलावा वार्ड में भर्ती अन्य महिलाओं व बच्चों के साथ भी ऐसी स्थिति निर्मित होती थी। इसके लिए शासन से फंड की मांग की गई थी और
स्वीकृति भी मिल गई। एमसीएच बिल्डिंग परिसर में ही 30 बेड का एमएनसीयू बनाया जा रहा है। इसमें बीमार से ग्रसित माताओं का अलग से उपचार होगा। डॉक्टर्स की मानें तो अगर मां और बचे दोनों बीमार हैं तो इसी यूनिट में उपचार किया जा सकता है। दोनों बिल्डिंग का काम प्रगति पर है। जुलाई माह तक कम्प्लीट होने की बात कही जा रही है।

बच्चों के लिए पहले से है व्यवस्था

बीमार या संक्रमित बच्चों के उपचार के लिए एमसीएच में पहले से ही व्यवस्था है। यहां 20 बेड का स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) बनाया गया है |जिसमें बच्चों का इलाज किया जाता है |यहां कमी थी तो सिर्फ एमएनसीयू की लेकिन इसके बन जाने से अब वह समस्या भी दूर हो जाएगी और गर्भवती महिलाओं को बेहतर उपचार मिल सकेगा।

डॉक्टर्स व स्टाफ को लेकर संशय बरकरार

वर्तमान में केजीएच प्रबंधन के पास ऐसे ही डाक्टर्स व स्टाफ की कमी है |एमसीएच में भी गायनिक वार्ड के लिए ब्लाक से महिला डाक्टरों को बुला कर काम कराया जा रहा है |इसके अलावा यहां पर्याप्त स्टाफ नर्स भी नहीं है। एमएनसीयू के बन जाने से यहां कितने डाक्टर्स, स्टाफ नर्स व अन्य स्टाफ रहेंगे इस पर अभी भी संशय बरकरार है। हालांकि विभागीय अधिकारी कह रहे हैं कि अभी भर्ती की प्रक्रिया चल रही है |कुछ सप्ताह बाद स्थिति सामान्य हो जाएगी।

क्या कहते हैँ डॉक्टर मंडावी

एमसीएच परिसर में 30 बेड का
एमएनसीयू तैयार हो रहा है।
शासन से 38 लाख रुपए की स्वीकृति मिली है |जुलाई तक काम पूरा होने की संभावना है |इस यूनिट के बन जाने से अब संक्रमित महिलाओं का अलग से सघन उपचार किया जा सकेगा। वहीं वार्ड में भर्ती अन्य महिलाओं व नवजात बच्चों को भी संक्रमण का खतरा नहीं रहेगा।

-डॉ. आरएन मंडावी, सीएस, केजीएच

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