पीडीएस दुकानों में गरीबों के अनाज को बाजार में बेच रहे थे दुकानदार…. राशन की हेराफेरी करने वालो से होगी 3.65 करोड़ की वसूली…

जिले में पीडीएस दुकानों में गरीबों और आम लोगों के लिए दिया जाने वाला अनाज दुकानदार बाजार में बेच रहे थे। प्रदेश के कई जिलों में ऐसी धांधली सामने आई थी। 4 माह पहले ऐसी गड़बड़ी सामने आई थी। जिले के 7 ब्लाकों में 136 दुकानों में ऐसी गड़बड़ियां सामने आई थी। इसमें अभी करीब 60 समूहों में 3 करोड़ 65 लाख रुपए की रिकवरी नहीं होने पर जिले में हर ब्लाकों के तहसीलदारों ने सरपंचों या पीडीएस दुकान को चलाने वाले समूहों को आरआरसी वसूलने का आदेश दिया है।
सारे आदेश पिछले माह मार्च में आखिरी सप्ताह तक निकाले गए हैं। सबसे ज्यादा गड़बड़ी 2021 22 में हुई थी। इसके पहले 2018 19 में भी हुआ। इस मुद्दे को मीडिया
ने प्रमुखता से उठाया था। इस मामले में आने वाले समय में एफआईआर भी होने की बात कही जा रही है।
जिले में करीब 5 करोड़ से अधिक का राशन व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मिलने वाले राशन बाजार में बेचा दिया था। इसमें 1 करोड़ 35 लाख रुपए की वसूली हो पाई है। इसमें घपला करने वाले समूहों और तत्कालीन जनप्रतिनिधियों ने पैसा या अनाज को सरकारी खाते में जमा कराया है। दरअसल यह मामला विपक्ष आक्रमक तरीके से उठा रहा है, इसलिए सरकार ने भी प्रशासन और खाद्य विभाग को इसमें जल्द से जल्द कार्रवाई कर राशि रिकव्हरी करने कहा है। इन ब्लॉकों में इतना आरआरसी निकला
* रायगढ़ में 8 प्रकरणों में 37 लाख 50 हजार
« तमनार में 18 प्रकरणों में | करोड़ 37 लाख 43 हजार रुपए
« खरसिया में 14 प्रकरणों में 40 लाख रुपए
« घरघोड़ा में 2 समूहों पर 6 लाख 95 हजार रुपए की आरआरसी वसूली
« धरमजयगढ़ में 15 समूहों पर 1 करोड़ 16 लाख 7 हजार रुपए वसूली
*« पुसौर में 1 प्रकरणों में 8 लाख रुपए * लैलूंगा में करीब 20 लाख रुपए की वसूली होनी है।
( तहसीलों से जो जानकारी सामने आई हैं. जिसमें आरआरसी वसूली के लिए नोटिस जारी किया है, 3 करोड़ 65 लाख रुपए करीब वसूली होनी है, करीब 60 समूहों या सरंपचों, पूर्व सरपंचों से आरआरसी वसूली करने का आदेश जारी किया है)
तहसीलदारों का पटवारियों को पत्र, चल अचल संपत्ति पता करें –
इधर समूहों की काफी बड़ी रकम वसूली करनी है। ऐसे में तहसीलदारों ने उन इलाकों के समूह जो पीडीएस दुकानदार चलाते थे, उन हल्का के पटवारियों को आदेश जारी किया
गया है कि उन समूहों की चल और अंचल संपत्ति का विस्तृत जांच प्रतिवेदन देने के लिए कहा गया है।
जनप्रतिनिधियों के नाम से भी वसूली जारी करने आदेश –
बड़ी बात यह है कि सारा घपला 3 4 सालों पहले हुआ। उस समय के गांवों के सरपंच या वह समूह बनाकर इसे चला रहे थे। अब उन्हीं जनप्रतिनिधियों के नाम से आरआरसी वसूली जारी करने का आदेश जारी किया गया है। तहसीलदार बताते हैं कि अब इनका पत्र दिया जा रहा है कि हम पैसा जल्द जमा कर देंगे। इसके लिए समय मांगा जा रहा है। हालांकि तहसीलदारों ने पटवारियों को सप्ताह भर का समय दिया है। यह सारे पत्र मार्च के चौथे या पांचवें सप्ताह में निकला है।
हर तहसील स्तर पर चल रही वसूली की कार्रवाई –
“जिन जगहों के पीडीएस दुकानदारों ने खाद्यात्र जमा नहीं कराया है, वहां पर तहसील स्तर पर आरआरसी वसूली करने की कार्रवाई की जा रही है। यह प्रक्रिया लगातार चल रही है।”
चितरंजन सिंह, प्रभारी अधिकारी
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