सारंगढ़

शिक्षक भर्ती परीक्षा में सारंगढ़ जिले का नाम ना होना दुर्भाग्यपुर्ण – मयूरेश केशरवानी

सारंगढ़/आगामी दिनों में व्यापमं द्वारा शिक्षक भर्ती की परीक्षा तिथि घोषित की गई जिसमें 10 जुन को परीक्षा निर्धारित की गई और उक्त परीक्षा में समस्त जिला मुख्यालयों में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। प्रदेश में जहां सभी जिलों में एक एक परीक्षा केन्द्र बनाया गया है तो वहीं सारंगढ़ को पुरी तरह छोड़ दिया गया है। इस मामले में सारंगढ़ के वार्ड क्रमांक 4 से पार्षद व भाजपा जिला मिडिया प्रभारी मयूरेश केशरवानी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि आखिर क्यों सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में कोई परीक्षा केन्द्र नही बनाया गया। क्या भुपेश जी की सरकार सारंगढ़ को जिला नही मानती है या फिर व्यापंम की नजर में सारंगढ़ से कोई परीक्षार्थी नही हैं। सत्ताधारियों और जिला निर्माण के श्रेयवीरों को इस मामले में त्वरित संज्ञान लेना चाहिए और समय रहते इस विषय पर परीक्षार्थियों को राहत देनी चाहिए। सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले के परीक्षार्थी आखिर क्यों दुसरे जिले जाएंगे यह भी सोचनीय विषय है। जब शक्ति जिले, मोहला मानपुर जिले को परीक्षा केन्द्र मिल सकता है तो सारंगढ़ को क्यों नही मिलना चाहिए। इस प्रकार की ढुलमुल निति स्वीकार्य नही है। परीक्षा की तारिख 10 जुन है ऐसे में अभी भी समय है कि उच्च अधिकारियों से सम्पर्क कर सारंगढ़ में शिक्षक भर्ती परीक्षा का केन्द्र तय किया जा सके। 580000 जनसंख्या वाले इस जिले में क्या शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए इन अधिकारियों को एक परीक्षा केन्द्र नही मिल सका। अगर तकनीकी खामियों की बात है तो शक्ति और मोहला मानपुर जैसे जिलों को क्यों परीक्षा केन्द्र बनाए गए यह भी सोचनीय है। एक ही तारीख में बने हुए अन्य जिलों को परीक्षा केन्द्र मिलना और सारंगढ़ को ना मिलना कहीं ना कहीं प्रशासनिक स्तर पर कमजोर राजनितिक पकड़ को साबित करता है। अंचल के हजारों छा़त्रों को अपना जिला होते हुए भी अन्यत्र जिला परीक्षा हेतु जाना पड रहा है। उक्त विषय पर परीक्षर्थियों में भी रोष देखने को मिल रहा है।

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