नई दिल्ली

बिग ब्रेकिंग: भारत ने उठाया ये बड़ा कदम… मालदीव समेत इन 5 पड़ोसी देशों में मच गया हाहाकार!

देश में प्याज की उपलब्धता और इसकी कीमत को नियंत्रण में रखने के लिए भारत सरकार ने मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है. भारत के इस कदम का पड़ोसी देशों पर भी असर पड़ा है.
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत द्वारा प्याज के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद पड़ोसी देश बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका और मालदीव में प्याज की कीमत आसमान छू रही है.

बीते सप्ताह 8 दिंसबर को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी आदेश के अनुसार, 31 मार्च 2024 तक प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध रहेगा. इससे पहले अगस्त में भारत ने त्योहारी सीजन को देखते हुए प्याज निर्यात पर 40 फीसदी का शुल्क लगा दिया था. इसके बाद अक्टबूर में भारत ने प्याज निर्यात के लिए न्यूनतम मूल्य 800 डॉलर प्रति टन कर दिया था. प्याज निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा ऐसे समय की गई है, जब 31 दिसंबर को यह मियाद खत्म हो रही थी.

बांग्लादेश में प्याज की कीमत

भारत द्वारा प्याज निर्यात पर लगाए गए बैन के बाद बांग्लादेश में प्याज की कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. बांग्लादेश में प्याज की कीमत 200 टका प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. जबकि बैन से एक ही दिन पहले प्याज की कीमत 130 टका प्रति किलोग्राम थी.

ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ बांग्लादेश ने स्थानीय प्याज की कीमतों में वृद्धि को लेकर कहा है कि एक सप्ताह पहले यही प्याज 105-125 टका प्रति किलोग्राम बिक रहा था. जो अभी 180 से 190 टका प्रति किलोग्राम बिक रहा है. जो प्याज हम थौक भाव में 90-100 टका प्रति किलोग्राम खरीदते थे. वो अब हम 160 से 170 टका प्रति किलोग्राम खरीद रहे हैं.

भूटान में प्याज की कीमत

प्याज के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध के बाद भूटान में भी प्याज की कीमतों में तेज उछाल देखी गई है. भूटान में प्याज 150 नगुल्ट्रम प्रति किलोग्राम बिक रहा है. राजधानी थिम्पू के स्थानीय लोगों का कहना है कि यही प्याज पहले 50 से 70 नगुल्ट्रम प्रति किलो बिक रहा था. भूटान ब्रॉडकास्टिंग सर्विस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत द्वारा प्याज निर्यात पर लगाए गए बैन के बाद भूटान के अन्य हिस्सों में भी प्याज की कीमतें 100 नगुल्ट्रम तक पहुंच गई हैं.

नेपाल पूरी तरह से भारत पर निर्भर

भारत द्वारा प्याज निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद नेपाल में प्याज की कीमतें लगभग दोगुनी हो गई है. जो प्याज 100-100 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा था. वही, प्याज 200 रुपये प्रति किलोग्राम बिक रहा है. स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि प्याज की कीमतों में और बढ़ोतरी होगी, क्योंकि नेपाल काफी हद तक भारत से आयातित प्याज पर निर्भर है.

नेपाल प्याज आयात के लिए लगभग पूरी तरह से भारत पर निर्भर है. ऐसे में भारत द्वारा लगाए गए प्रतिबंध के कारण वहां भी प्याज की कीमतों में तेजी देखी गई है. पिछले वित्तीय वर्ष में नेपाल ने भारत से 6.75 अरब रुपये का करीब का 190 टन प्याज आयात किया था.

नवंबर 2019 में जब भारत ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था, उस वक्त नेपाल में प्याज की कीमत 250 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई थी.

मालदीव भी प्याज के लिए भारत पर डिपेंड

नेपाल की तरह मालदीव भी भारत से आयातित प्याज पर निर्भर है. ऐसे में स्थानीय बाजारों में प्याज की कमी के कारण प्याज की कीमतों में वृद्धि दर्ज की गई हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत द्वारा बैन लगाने से पहले मालदीव में जो प्याज 200 से 350 रूफिया प्रति पैकेट बिक रहा था. वही प्याज अब 500 रूफिया प्रति बोरी से लेकर 900 रूफिया प्रति बोरी बिक रहा है.

हालांकि, मालदीव के आर्थिक मंत्री मोहम्मद सईद ने जनता को आश्वस्त किया है कि भारत द्वारा लगाए गए प्याज निर्यात बैन के कारण मालदीव को प्याज खरीद में व्यवधान का सामना नहीं करना पड़ रहा है. दरअसल, भारत ने मालदीव सहित कुछ देशों को छूट भी दी है. लेकिन वर्तमान में मालदीव प्याज के लिए पाकिस्तान और चीन पर ज्यादा निर्भर है.

मालदीव के नए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और उनकी पार्टी को चीन समर्थक के रूप में देखा जाता है. मुइज्जू की पार्टी ने पूर्व राष्ट्रपति सोलिह को सत्ता से हटाने के लिए चुनाव में ‘इंडिया-आउट’ कैंपेन का नारा दिया था. इसके अलावा मुइज्जू सरकार ने मालदीव में मौजूद भारतीय सैन्य उपस्थिति को भी हटाने के लिए कहा था. जिसके बाद भारत ने मालदीव से अपने सैनिकों को वापस बुलाने पर सहमति जता दी है.

श्रीलंका में भी आसमान छू रही प्याज की कीमत

डेली मिरर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका के स्थानीय खुदरा बाजार में प्याज की कीमत बढ़कर 300 रुपये प्रति किलो हो गई है. व्यापार संघ के प्रवक्ता का कहना है कि आयातक वैकल्पिक आपूर्तिकर्ताओं की तलाश कर रहे हैं. लेकिन हमारे लिए अलग-अलग बाजारों की ओर रुख करना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कीमतें बहुत महंगी हैं.

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