रायगढ़

रायगढ़: चार दिनों की चांदनी के बाद शहर में छाया अंधेरा… महीनों से बंद पड़ा है रोड लाइट क्षेत्र वासियों ने शहर सरकार पर लगाया उपेक्षा का आरोप… कभी भी हो सकती है बड़ी दुर्घटना , क्षेत्र वासियों का फूट सकता है जनाक्रोश…

रायगढ़/लाखों रुपए पानी की तरह बहा कर सड़कों पर डिवाइडर में लोहे के पोल लगाए गए किंतु 4 दिन की चांदनी के बाद पोल पर लगे हाइलोजन बल्ब खराब हो चुके हैं तथा महीनों से इस मार्ग पर अंधेरा छाया हुआ है किंतु इन विद्युत पोल पर नई लाइट लगाने के लिए कोई भी हजमत नहीं उठा रहा जबकि इस व्यस्ततम मार्ग पर जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों से जिला प्रशासन के लेकर उच्च अधिकारियों का आना जाना लगा रहता है किंतु गैर जिम्मेदार अंधों को यह दिखाई नहीं दे रहा स्थानीय भाजपा के जनप्रतिनिधि और क्षेत्र वासियों द्वारा शहर सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाया जा रहा। शहरवासियों के लिए दुर्भाग्य का विषय है कि शहर सरकार और विधायक के साथ-साथ प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के बावजूद जिम्मेदार जनप्रतिनिधि जनहित के कार्यों में लापरवाही बरती जा रही है।।

सावधान…इस रोड पर शाम को बहुत भीड़-भाड़ होती है सभी सब्जियां लेने के लिए नेशनल हाईवे पर स्थित कांशीराम चौक पहुंचते तक हैं तथा अंधेरा होने के बाद 8:9 बजे तक सब्जियों की खरीदारी होती है।। लेकिन अंधेरा होने के बाद सड़क की लाइट की स्थिति देखिए यह है रायगढ़ का विकास? अंधेरा होने की वजह से मोटरसाइकिल सवार पैदल चलने वालों से टकराने की स्थिति तथा सड़कों पर बैठे मवेशियों की वजह से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है और छुटपुट घटनाएं आए दिन आते रहती है।। यह सड़क कबीर चौक से काशीराम चौक के मध्य की तस्वीर है।। मार्ग में पेट्रोल पंप की वजह से हाईवे की ओर से भी अधिकतर छोटी और बड़ी वाहने पेट्रोल पंप तक आती है जिन्हें मजबूरन डिवाइडर की वजह से विपरीत दिशा से होते हुए आना पड़ता है।। ऐसे में अंधेरा होने के बाद दुर्घटना की स्थिति बनती है लेकिन महीनों बीत जाने के बावजूद अंधेरा जस का तस कायम है इस सड़क में रोड लाइट को संज्ञान लेने वाले कोई जिम्मेदार अधिकारी या जनप्रतिनिधि प्रत्यक्ष रूप से सामने अभी तक नहीं आए हैं। जबकि अप्रत्यक्ष रूप से कई स्थानीय लोगों के द्वारा जिला प्रशासन को भान भी कराया गया है बावजूद कई महीने से इस मार्ग में अंधेरा कायम है।। ऐसा नहीं है कि इस समस्या की जानकारी जिम्मेदारों को नहीं है जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियों का आना जाना इस मार्ग से होता ही रहता है। किंतु गैर जिम्मेदार अंधे बहरो को यह सब दिखाई नहीं देता?? स्थानीय लोगों ने शहर सरकार पर उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि लाखों खर्च कर डिवाइडर पर लगाए गए लेकिन चार दिनों की चांदनी के बाद दर्जनो लोहे के विद्युत पोल पर बल्ब ही नहीं है तथा कई विद्युत पोल स्थान से गायब हो चुके हैं पता नही ये लोहे के पोल कबाड़ियों के या भ्रष्टाचारियों के ग्रास बन गए?

बहरहाल शासन-प्रशासन समय रहते इस व्यस्ततम मार्ग को संज्ञान ले अन्यथा कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है तथा ऐसी स्थिति में स्थानीय लोगों के जनाक्रोश को शासन प्रशासन को भोगना पड़ेगा।।

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