रायपुर

छत्तीसगढ़:स्कूलों में विद्युतीकरण का काम पूरा कराए बिना करोड़ो का फर्जीवाड़ा, कोर्ट ने पुलिस को दिया ये निर्देश….

सरगुजा ज़िले में बिना विद्युतीकरण कराए अधिकारियों और ठेकेदार ने 3 करोड़ से ज़्यादा की राशि हड़प ली. करोड़ों के घोटाला मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. पीडब्ल्यूडी के आरोपी अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ 156(3) का मामला अदालत में पेश किया गया था. मामले की सुनवाई के बाद सीजेएम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. आपको बता दें कि 2011-12 और 2012-13 में सर्व शिक्षा अभियान के तहत 1005 प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में विद्युतीकरण का काम किया जाना था.

बिना विद्युतीकरण के करोड़ों का घोटाला

विद्युतीकरण के लिए 30 हज़ार प्रति स्कूल के हिसाब से 3 करोड़ 1 लाख 50 हज़ार रुपए की स्वीकृति दी गई थी. जानकारी के मुताबिक़ स्कूलों में विद्युतीकरण कराए बिना ठेकेदार को राशि का भुगतान हो गया और प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया. आरटीआई कार्यकर्ता अधिवक्ता डीके सोनी ने सरगुजा संभाग आयुक्त से शिकायत की थी. शिकायत के बाद कमिश्नर ऑफिस की तरफ से जांच दल गठित किया गया. जांच दल ने जांच कर रिपोर्ट आयुक्त ऑफिस को सौंप दी.

आरटीआई कार्यकर्ता ने किया बड़ा खुलासा

जांच रिपोर्ट छत्तीसगढ़ शासन के लोक निर्माण विभाग रायपुर को भेजा गया. जांच दल ने रिपोर्ट में 14 स्कूलों का निरीक्षण कर हेड मास्टर के बयान दर्ज किए थे. जांच रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि विद्युतीकरण का काम हुआ ही नहीं था. पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन अभियंता ने विद्युतीकरण का काम पूरा होने के दस्तावेज तैयार कर राशि का भुगतान ठेकेदार को कर दिया. विद्युतीकरण के काम का फ़र्ज़ी मूल्यांकन और फ़र्ज़ी मेजरमेंट अधिकारियों और ठेकेदार ने पेश किया था

बिना कार्य किए फ़र्ज़ी दस्तावेज़ों के आधार पर तत्कालीन प्रभारी कार्यपालन अभियंता एचएल शर्मा, सब इंजीनियर रूपाली सिन्हा और सीमा साहू का घोटाला जांच प्रतिवेदन से स्पष्ट है. 1005 स्कूलों में बिना विद्युतीकरण किए 3 करोड़ से ज्यादा का नुक़सान छत्तीसगढ़ शासन को कराया गया. शिकायतकर्ता डीके सोनी ने दस्तावेज़ों के साथ सितंबर 2022 में कोतवाली थाना में शिकायत दी. मामले की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया था.

अदालत ने पुलिस को दिया FIR का निर्देश

सरगुजा एसपी ने भी शिकायत पर कोई ध्यान नहीं दिया. आख़िरकार डीके सोनी ने पिछले महीने की 3 तारीख को अदालत का दरवाजा खटखटाया. अदालत ने शिकायतकर्ता का परिवाद स्वीकार कर लिया. दिसंबर की शुरुआत में अदालत ने कोतावाली पुलिस को संबंधित अधिकारियों और ठेकेदार के खिलाफ प्रथम सूचना दर्ज कर अंतिम प्रतिवेदन धारा 173 के तहत पेश करने का आदेश दिया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *