सारंगढ़ में 1 नवंबर से धान खरीदी होगी या नहीं…शून्य तैयारी से आम जनमानस के मन मे संशय….

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सारंगढ़। कांग्रेस सरकार ने अगले साल के अंत में होने वाले चुनाव को देखते हुए इस बार करीब एक माह पूर्व समर्थन मूल्य पर धान खरीदी 1 नवंबर से किए जाने का डुगड़ुगी बजा दी है, जबकि इससे पूर्व के वर्षों में किसान लगातार समर्थन मूल्य में धान खरीदी 1 नवंबर से किए जाने सरकार से गुहार लगाती रही है । पर सरकार ने कभी किसानों की इस मांग पर कान नहीं दिए और हर बार समर्थन मूल्य में धान की खरीदी दिसंबर माह में ही की गई । जबकि खामियाजा भी किसानों को कई रूपों में भुगतना पड़ा ,लेकिन इस बार किसानों की बगैर मांग के ही सरकार 1 नवंबर से समर्थन मूल्य में धान खरीदी करने की घोषणा काफी पहले की जा चुकी है ।

हालांकि इस बात को किसान भी समझ रहे हैं और आम लोग भी समझ रहे हैं । ऐसे क्‍यों किया गया है ?जबकि सरकार के घोषणा के इतर देखा जाए तो महज चार -पांच दिनों बाद जिले की सेवा सहकारी समितियों में प्रारंभ होने वाली धान खरीदी को लेकर तैयारी शुन्य है । वही सेवा सहकारी समितियों के कर्मचारी अपनी सात सूृत्री मांगों को लेकर पहले ही एक ज्ञापन प्रदेश के मुखिया को थमा चुके है । जिस पर अभी तक सरकार की तरफ से कोई कार्यवाही नहीं की गई है ऐसे में सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों में असंतोष देखने को मिल रही है । वे अपनी मांगों पर सरकार द्वारा 1 नवंबर से पहले कोई ठोस पहल नहीं किए जाने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का मन बना रहे थे लिकिन किसानों की परेशानी देखते समिति केंद्रों में काम अभी भी जारी है , वहीँ क्षेत्र के समिति केंद्र के प्रबंधक ईश्वर साहू , योगेश पटेल , अनिल गोपाल आदि समिति प्रबंधकों ने बताया कि – विगत दिनों मांग की गई जिसका अब तक शासन द्वारा किसी प्रकार की जवाब नहीं आई है लेकिन संगठनों द्वारा शनिवार को राजधानी में धरना प्रदर्शन देकर विरोध करेंगे । उसके बाद जो संगठन निर्णय लेगा उसके हिसाब से कार्य किया जाएगा वही समितियों में समर्थन मृल्य पर धान खरीदी की आधी अधूरी तैयारी और उस पर समिति के असंतृष्ट कर्मचारियों की लंबित मांग को देखकर बड़ा सवाल यह खड़ा हो रहा है कि – क्‍यों वास्तव में 1 नवंबर से जिले की समितियों में धान खरीदी का श्रीगणेश हो पाएगा या फिर या किसानों को रिझाने का चुनावी हथकंडा साबित होगा ।

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