रायगढ़ : सर्व आदिवासी समाज द्वारा राज्योत्सव एवं आदिवासी नृत्य समारोह का बहिष्कार ! विधायक लालजीत राठिया और चक्रधर सिंह सिदार के निवास पर आदिवासी बजाएंगे नगाड़े..! आखिर क्यों, पढ़िए

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रायगढ़। सर्व आदिवासी समाज द्वारा दिनांक 25 सितंबर को लिये गए निर्णय एवं दिनांक 8 अक्टूबर को सामूहिक निर्णय के आधार पर 15 नवंबर को पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी एवं रेल रोको, मालवाहक वाहन रोको का आह्लन किया गया है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्योत्सव मनाया जा रहा है, जिममें राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य समारोह आयोजित किया जा रहा है, लेकिन प्रदेश में 32 प्रतिशत आरक्षण खत्म हो जाने के कारण आदिवासी समाज में आक्रोश व्याप्त है, जिसकी वजह से दिनांक 1 नवंबर से 3 नवंबर तक जिलों में राज्योत्सव एवं आदिवासी नृत्य समारोह का विरोध प्रकट किया जाएगा एवं रायगढ़ जिले
के दो आदिवासी विधायक श्रीमान्‌ चक्रधर सिंह सिदार एवं श्रीमान्‌ लालजीत राठिया, के निवास के सामने उनको जगाने के लिये नंगाड़ा बजाया जाएगा एवं भोजन किया जायेगा। क्योंकि सरकार में बैठे राजनीतिक जनप्रतिनिधि आरक्षण पर मुंह खोलने को तैयार नहीं है और उनके रहते आदिवासियों के साथ बहुत बड़ा धोखा हो रहा है। वर्ष 2001 से 2012 तक वैसे भी 12%आरक्षण कम मिला। सभी आदिवासी नेताओं पर भरोसा करके चुप रहे, लेकिन अब समय आ गया है सरकार सत्ता और शासन चलाने वाले जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध विरोध का बिगुल एवं स्वर उठने लगे हैं जो लगातार दिखाई दे रहे हैं।

सरकार अभी तक 1 महीने से ज्यादा
हो गया सुप्रीम कोर्ट नहीं पहुँच पाई है, मुख्यमंत्री सिर्फ आश्वासन देते रहे हैं और हमारे मंत्री/विधायक बोल भी नहीं पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में समाज ने निर्णय लिया है कि जो आदिवासियों का काम नहीं करेगा, उनका विरोध सड़क पर आकर गाँव गाँव में, नगर नगर में, जनजाति के प्रत्येक सामाजिक सम॒हों द्वारा आदिवासी नेताओं का बहिष्कार किया जाएगा और यह सिलसिला तब तक चलता रहेगा जब तक आदिवासियों को उनके हक अधिकार सविधान प्रदत संवैधानिक व्यवस्था लागू नहीं हो जाता। इस घटना से आदिवासी समाज में गहरा आक्रोश व्याप्त है और यह आक्रोश लगातार बढ़ते जा रहा है कहीं कहां अप्रिय घटना होने की भी संभावना दिखाई दे रही है, समाज के आक्रोश को अगर सरकार
द्वारा समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया तो सरकार को पूरे प्रदेश में आदिवासियों का विरोध का सामना करना पड़ेगा जिसका परिणाम आरक्षण नहीं तो वोट नहीं, आरक्षण नहीं तो विधायक नहीं और आरक्षण नहीं तो सांसद नहों, आरक्षण नहीं जो जनपद और जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं, आरक्षण नहीं तो पंच सरपंच नहीं आरक्षण नहीं तो भर्ती में त्रुटिपूर्ण व्यवस्था को समाप्त किया जाए। 27 अक्टुबर को प्रादेशिक एवं जिले स्तर की वर्चुबल बैठक में लिये गये निर्णय के अनुसार दिनांक 31.10.2022 को दोपहर 12.00 बजे रामलीला मैदान से रैली के माध्यम से काली पट्टी लगाकर कलेक्टर महोदय रायगढ़ के माध्यम से माननीय मुख्यमंत्री एवं माननोय आदिवासी विकास मंत्री के नाम से राज्य उत्सव में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का बहिष्कार करने संबंधी ज्ञापन सौंपा जायेगा।

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