मध्यप्रदेश मे दिखा शदियों विलुप्त “सफ़ेद कौंवा”, क्या है इसके पीछे पौराणिक मान्यता, पढ़िए…

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क्या आपने कभी सफेद कौआ देखा है। तो आपका उत्तर ना होगा तथा आप यही बोलेंगे कि कौआ तो काला ही होता है। मगर ऐसा नहीं है आज हम आपको सफेद कौवे के बारे में बताने जा रहे है।
इस सफेद कौवे को मध्य प्रदेश में देखा गया है जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है, वही इससे पहले वर्ष 2019 में मध्य प्रदेश के दतवाड़ा में और फिर वर्ष 2017 में भी सतना में सफेद कौवे को देखा जा चुका है।

हालांकि कौवे का रंग बदला होने के पीछे वैज्ञानिक वजह हैं। सफेद कौआ भी दूसरे काले कौवे जैसा ही होता है किन्तु अनुवांशिक दोष ल्यूसीज्म के कारण कुछ कौवे का रंग सफेद हो जाता है। दुनिया में कौवे की कई ऐसी प्रजातियां हैं जिनके शरीर पर कहीं ना कहीं सफेद धब्बा होता है। ज्योलॉजी के एक प्रोफेसर के अनुसार, एलबीनीजम प्रक्रिया पूरी नहीं होने की वजह से कुछ कौवा मूल रंग का जीव न होकर सफेद रंग का पैदा हो जाता है।

हालांकि पौराणिक कथाओं के मुताबिक, ऐसा बोला जाता है कि पहले कौवे का रंग सफेद हुआ करता था किन्तु एक ऋषि के श्राप के कारण इसका रंग काला हो गया। मान्यताओं के मुताबिक, काफी वक़्त पहले एक ऋषि ने एक सफेद कौवे को अमृत तलाशने भेजा तथा उसे आदेश दिया कि वो केवल अमृत की जानकारी ला कर दे मगर उसे पीना नहीं है। वर्षों के संघर्ष के बाद सफेद कौवे ने अमृत को तलाश निकाला मगर इतनी मेहनत के बाद उसे भी अमृत पीने की लालसा होने लगी। कौवे ने अमृत पी लिया तथा तत्पश्चात, इसकी खबर साधु को दी,तभी साधु ने इसे श्राप दिया।