छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को झटका! विद्युत दरों में की गई बढ़ोतरी, नई दरें 1 जुलाई से लागू…

1000021399.jpg

छत्तीसगढ़ के बिजली उपभोक्ताओं को जुलाई माह में बड़ा झटका लगा है। 1 जुलाई से टैरिफ रेट में बदलाव हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने नई टैरिफ दरें जारी कर दी हैं, जो 1 जुलाई 2025 से प्रभावी मानी जाएंगी।

छत्तीसगढ़ में अब उपभोक्ताओं को बिजली के लिए थोड़ा ज्यादा भुगतान करना होगा। नियामक आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य को चालू वित्तीय वर्ष में कुल 25,636 करोड़ रुपये के राजस्व की आवश्यकता है। इसमें से 523 करोड़ रुपये के नुकसान को ही मान्यता दी गई है।

आयोग ने औसत सप्लाई कॉस्ट 7.02 रुपये प्रति यूनिट निर्धारित की है। यदि बिजली कंपनी के पेश किए गए आंकड़ों को पूरी तरह स्वीकार कर लिया जाता, तो दरों में 20% तक की बढ़ोतरी करनी पड़ती। हालांकि, आयोग ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने से बचते हुए दरों में केवल 1.8% की बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।

उपभोक्ताओं पर औसतन 13 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार
Electricity rates increased in Chhattisgarh, इस वृद्धि के तहत उपभोक्ताओं पर औसतन 13 पैसे प्रति यूनिट का अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि यह वृद्धि मामूली मानी जा रही है, फिर भी इसका असर घरेलू और व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर महसूस किया जा सकता है। बिजली दरों में की गई यह संशोधन राज्य की ऊर्जा जरूरतों और वित्तीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए किया गया है। आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि दरों की समीक्षा समय-समय पर की जाती रहेगी।

राज्य विद्युत नियामक आयोग में दो सदस्यों की नियुक्त के बाद अब टैरिफ रेट पर फैसला हुआ है। नियामक आयोग ने नया रेट पर फैसला लेने के लिए 19, 20 जून को जनसुनवाई आयोजित किया था। 19 जून को कृषि, गैर कृषि, घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं को जनसुनवाई में बुलाया गया था।

CSPDCL ने वर्तमान टैरिफ रेट बढ़ाने का भेजा था प्रस्ताव
सीएसपीडीसीएल ने वियामक आयोग को 4550 करोड़ का घाटा दिखाया है, जिसकी भरपाई के लिए सभी कैटेगरी के वर्तमान टैरिफ रेट बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। आयोग में लीगल और टेक्निकल सदस्य नहीं होने के कारण अब तक टैरिफ पर कोई फैसला नहीं हो सका था। 17 जून को आयोग के सदस्यों की नियुक्ति के बाद टैरिफ पर फैसला लेने की कार्रवाई तेज कर दी गई थी। जिसके बाद से ही जुलाई माह से नया टैरिफ लागू होना निश्चित माना जा रहा है।