छत्तीसगढ़: मनरेगा के कार्यों में फर्जी बिल से हो गया लाखों रुपये का भुगतान, जांच की आंच से इनको खतरा!

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छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के बैकुंठपुर अंर्तगत ग्राम पंचायत भंडारपारा से घोटाले को लेकर बड़ी खबर है. दरअसल ये घोटाला मरेगा के कार्यों में फर्जी बिल लगाकर किया गया. भंडारपारा पंचायत में मनरेगा के कार्यों में 9.42 लाख रुपये की निर्माण सामग्री का फर्जी बिल लगाकर भुगतान लेने का मामला सामने आया है.

इसके बाद जिम्मेदारों की मुश्किलें बढ़ गईं. पुराने सचिव, रोजगार सहायक के हस्ताक्षर और सील लगाकर राशि निकालने की शिकायत पंचायत सचिव बलराम यादव ने जिला पंचायत सीईओ, जनपद व मनरेगा विभाग में की. शिकायत के बाद विभागीय अधिकारी मामले में जांच की बात की..

ऐसे किया गया फर्जीवाड़ा

बता दें, ग्राम पंचायत भंडारपारा के बरगाहपारा में रिटेनिंग वॉल का निर्माण लगभग 19 लाख रुपये से किया गया था, कार्य में बीते 11-12 मार्च को करीब 10 लाख रुपये के निर्माण सामग्री का बिल पुराने सचिव बाबूलाल, रोजगार सहायक लीलावती पाल के हस्ताक्षर पर पंचायत के माध्यम से जनपद में जमा किया गया. अब यह हस्ताक्षर पुराने सचिव और रोजगार सहायक का है, या फर्जीवाड़ा किया गया. यह जांच के बाद पता चलेगा. फर्म ननकु राम के नाम पर 8 लाख 28 हजार 694 रुपये और देवेंद्र सिंह के नाम पर 82 हजार रुपए का भुगतान हुआ है.

गड़बड़ी की मिली जानकारी

जिस दौरान बिल जमा किया गया है, उस समय पंचायत में सचिव बलराम यादव व रोजगार सहायक का प्रभार ग्राम फूलपुर के रोजगार सहायक शिवशंकर सिंह के पास था. सचिव बलराम यादव को जब गड़बड़ी की जानकारी मिली, तो सचिव ने जिला पंचायत, जनपद और मनरेगा विभाग में मामले की शिकायत दी.

जानें क्या कह करे हैं ये..

मामले में सचिव का कहना है कि दिसंबर 2023 से जून 2024 तक वह भंडारपारा सचिव था. जबकि बिल में किसी अन्य के हस्ताक्षर हैं. रोजगार सहायक शिवशंकर सिंह की जगह भी गलत हस्ताक्षर किया गया. जबकि शिवशंकर 5 दिसंबर 2023 से 15 मई 2024 तक प्रभार में थे. वहीं, मामले में जिला पंचायत मनरेगा के समन्वयक शिकायत निवारण विभाग प्रभारी विकास अवधिया ने कहा कि मामले में सचिव बलराम यादव की शिकायत पर जिपं सीईओ ने जांच के निर्देश दिये हैं. मामले में जांच पूरी होने के बाद कुछ कह पाएंगे.

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