नई दिल्ली

Rules Change: 1 अप्रैल से 15 साल पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द, जानें क्या है उपाय?

अगर आपके पास 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ी है, तो सावधान हो जाइए. 1 अप्रैल 2024 से आपकी 15 साल से अधिक गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द हो जाएगा. इसके बाद आपकी गाड़ी सड़क पर नजर आने के बाद जब्त कर ली जाएगी.
इसके साथ ही, पुरानी गाड़ी सड़क पर चलाने के एवज में आपको जुर्माने का भुगतान भी करना पड़ सकता है. दरअसल, 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने के पीछे सरकार का मकसद इन गाड़ियों से सड़कों से हटाकर स्क्रैप यानी कबाड़ बनाना है, ताकि ये गाड़ियों सड़कों पर अधिक प्रदूषण न फैला सकें. इसके लिए सरकार ने नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी को पेश कर दिया है. यह पॉलिसी 1 जून 2024 से लागू हो जाएगी, लेकिन सरकार 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करके उनके मालिकों को आगाह करना चाहती है. आइए, जानते हैं कि इससे बचने का क्या है उपाय.

1 अप्रैल के बाद स्क्रैप बन जाएंगी 15 साल पुरानी गाड़ियां

सरकार के नियमों के अनुसार, 1 अप्रैल 2024 से 15 साल पुरानी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा. इसके बाद सभी 15 साल पुरानी गाड़ियां स्क्रैप बन जाएंगी. इसमें सेना की गाड़ियों को छोड़कर केंद्र सरकार, राज्य सरकार, केंद्रशासित प्रदेश, नगर निगम, राज्य परिवहन विभाग और सरकारी स्वायत्तशासी संस्थानों की गाड़ियां शामिल हैं. बताते चलें कि सरकार की नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत हरेक साल 1 अप्रैल से 15 साल से अधिक पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने के लिए उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया जाता है. इसके बाद भी अगर किसी अपनी पुरानी गाड़ी को स्क्रैप होने से बचाना है, तो उन्हें उसका फिटनेस सर्टिफकेट बनाने के बाद री-रजिस्ट्रशन कराना होगा. तब जाकर उन्हें पांच साल तक का एक्सटेंशन मिल सकता है.

क्या है नई स्क्रैप पॉलिसी

नई वाहन स्क्रैप पॉलिसी उन लोगों के लिए जरूरी है, जिनके पास अपनी कार है. इस पॉलिसी की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल 2021 में की थी. वहीं, केंद्रीय बजट 2021-22 में इस पॉलिसी की घोषणा की गई थी. इस पॉलिसी के तहत 20 साल पुरानी कार और 15 साल से अधिक पुरानी कमर्शियल गाड़ियों का इस्तेमाल लोग नहीं कर पाएंगे. अगर कोई व्यक्ति ऐसी कारों को लेकर रोड पर चल रहा हैं तो उसे जुर्माना भी देना होगा. इस पॉलिसी को इसलिए लागू किया गया है, ताकि प्रदूषण का स्तर कम हो सके. पुराने वाहनों का फिटनेस टेस्ट होगा, जिसके माध्यम से पता चलेगा कि ये कारें रोड पर चलने के लायक है या नहीं.

पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप कराने की सुविधा देती है सरकार

सरकार आम आदमी को पुरानी और अनफिट गाड़ियों को स्क्रैप करने की सुविधा देती है. सरकार की इस पॉलिसी का फायदा प्राइवेट और कॉर्मशियल वाहनों के मालिक उठा सकते हैं. स्क्रैप पॉलिसी के तहत आप पुरानी कार, बाइक, स्कूटर आदि को स्क्रैप के लिए दे सकते हैं. यदि आपकी कार को 10 साल (डीजल) या फिर 15 साल (पेट्रोल) साल का समय पूरा हो गया है, तो आप पुरानी गाड़ी को स्क्रैप में देकर इस पॉलिसी के तहत नई गाड़ी खरीदते समय मोटी रकम बचा सकते हैं.

1 जून से लागू होगा नया नियम

1 अप्रैल 2023 के बाद 15 से 20 साल पुरानी गाड़ी आप खुद भी सरकार के मान्यता प्राप्त स्क्रैप सेंटर में जाकर स्क्रैप करा सकते हैं. लेकिन, यही नियम 1 जून 2024 से बदल जाएगा. 1 जून 2024 के बाद आपकी गाड़ी अगर सड़क पर चलती पकड़ी जाती है तो सीधे स्क्रैप सेंटर में भेज दिया जाएगा और आप पर जुर्माना भी लगेगा, और साथ में कोई सब्सिडी या छूट नहीं मिलेगी. ऐसे में अगर आप अपनी मर्जी से गाड़ी का स्क्रैप करा लेते हैं तो आपको सरकार की तरफ ये सारे फायदे मिलेंगे.

15 साल पुरानी गाड़ी को बचाने का क्या है उपाय

नई स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल चल चुकी कार, बाइक, स्कूटर या स्कूटी को अगले 5 साल और चलाने के लिए री-रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा. इसके लिए आपको ऑटोमेटिक व्हीकल फिटनेस टेस्टिंग स्टेशन (एटीएस) से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ में जमा कराना होगा. उदाहरण के लिए अगर आपकी बाइक 15 साल पुरानी है तो अगले पांच साल और चलाने के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर री- रजिस्ट्रेशन कराना होगा.

गाड़ियों के स्क्रैप कराने के फायदे

पहला फायदा, आपकी गाड़ी का जो भी वैल्यू है, उस वैल्यू का 4 से 6 प्रतिशत आपको मिलेगा. मान लीजिए आपकी गाड़ी 1 लाख रुपये की है तो आपको 4000 से 6000 रुपये और मिलेंगे. दूसरा फायदा, स्क्रैपिंग सर्टिफिकेट पर आपको नई गाड़ी के खरीदने पर उसके टोटल प्राइज पर 5 प्रतिशत छूट मिलेगी. तीसरा, नई गाड़ी खरीदने पर लगने वाला रजिस्ट्रेशन फीस भी नहीं देना पड़ेगा. चौथा, रोड टैक्स पर भी आपको छूट मिलेगी. रोड टैक्स पर प्राइवेट गाड़ियों पर 25 प्रतिशत की छूट और कमर्शियल गाड़ियों पर 15 प्रतिशत की छूट मिल रही है.

री-रजिस्ट्रेशन के नियम

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने री-रजिस्ट्रेशन को लेकर भी एक नया नियम बनाया है. पहले प्राइवेट गाड़ियों के री-रजिस्ट्रेशन के लिए 1000 रुपये देना पड़ता था, जिसे बढ़ाकर अब 5000 रुपये कर दिया गया है. इसी तरह प्राइवेट बाइक का रजिस्ट्रेशन फीस 300 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है. विदेशी गाड़ियों का री-रजिस्ट्रेशन के लिए पहले 15,000 रुपये लिया जाता था, जिसे बढ़ाकर अब 40,000 रुपये कर दिया गया है.

फिटनेस सर्टिफिकेट लेना जरूरी

यातायात नियमों के अनुसार, अगर आप पहली बार अपनी गाड़ी एटीएस सेंटर में लेकर गए और किसी कारण से आपकी गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बन पाया तो आपको एक और मौका मिलेगा. दूसरी बार भी आपकी गाड़ी में दिक्कत आ गई और आपके गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं बन पाया तो फिर आपको अपनी गाड़ी स्क्रैप में देने का अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं बचेगा. अगर दूसरी बार में फिटनेस सर्टिफिकेट मिल जाता है तो आप उसे आप आरटीओ में जमा कर री-रजिस्टर करा सकते हैं. लेकिन, री-रजिस्टर होने के बाद सिर्फ 5 साल तक ही आपकी गाड़ी सड़क पर चल सकती है.

पुरानी गाड़ियों का कितनी बार ले सकते हैं फिटनेस सर्टिफिकेट

सरकार के नियमों में बदलाव के बाद री-रजिस्ट्रेशन से पहले आपको मान्यता प्राप्त एटीएस से फिटनेस सर्टिफिकेट लेकर आरटीओ में जमा कराना होगा और फिर आरटीओ 5 साल के लिए लाइसेंस जारी करेगी. इसके लिए गाड़ी को एटीएस सेंटर पर लेकर जाना होगा और फिर मैकनिकल इक्यूपमेंट के साथ फिटनेस सर्टिफिकेट बनेगा. एटीएस सेंटर पर आपके गाड़ी का फिटनेस सर्टिफिकेट लेने का मौका सिर्फ दो ही बार मिलेगा.

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