बीमार बच्चे को नहीं दी भारत के हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट की इजाजत, हुई मौत, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू के फैसले पर सवाल…

मालदीव और भारत के बीच रिश्तों में खटास आ गई है. ये उस समय आई जब मालदीव के मंत्रियों ने भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद से लगातार तनाव बढ़ता जा रहा है.
अब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के एक गलत फैसले ने एक बच्चे की जान ले ली है. 14 साल के बच्चे को मेडिकल इमरजेंसी के लिए भारतीय हेलिकॉप्टरों का इस्तेमाल करना था, जिसकी अनुमति मालदीव सरकार नहीं दी. इसकी वजह से इलाज में हुई देरी के कारण बच्चे की मौत हो गई.
भारत ने पहले चिकित्सा निकासी और अन्य उच्च उपलब्धता आपदा रिकवरी (HARD) गतिविधियों के लिए दो नौसैनिक हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान मालदीव को मुहैया कराया हुआ है. मालदीव की मीडिया के मुताबिक, लड़के को ब्रेन ट्यूमर था और उसे अचानक स्ट्रोक आ गया था. उसकी हालत गंभीर थी. परिजनों ने उसे गैफ अलिफ विलिंगिली स्थित घर से राजधानी शहर माले ले जाने के लिए एयर एम्बुलेंस का अनुरोध किया था. परिवार का आरोप है कि अधिकारी तुरंत मेडिकल एयरलिफ्ट की व्यवस्था करने में विफल रहे.
एयर एंबुलेंस के लिए नहीं दिया गया जवाब
मालदीव की मीडिया के मुताबिक, मृतक लड़के के पिता का कहना है कि उन्होंने स्ट्रोक आने के तुरंत बाद उसे माले ले जाने के लिए आइलैंड एविएशन को फोन किया, लेकिन उन्होंने हमारी कॉल का जवाब नहीं दिया. उन्होंने गुरुवार सुबह 8:30 बजे फोन का जवाब दिया. इस तरह के केस के लिए केवल एयर एंबुलेंस ही समाधान है. इमरजेंसी एयरलिफ्ट का अनुरोध करने के 16 घंटे बाद लड़के को माले लाया गया, लेकिन तब तक देरी हो चुकी थी.
इधर, भारतीय सैनिकों को वापस भेजने के मालदीव सरकार की जिद के कारण भारतीय हेलीकॉप्टरों और विमानों का भाग्य अधर में है. राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से 15 मार्च तक अपने सैनिकों को वापस बुलाने को कहा है. हालांकि भारतीय अधिकारियों का कहना है कि मुद्दे का समाधान खोजने के लिए बातचीत अभी भी जारी है.
मालदीव में राष्ट्रपति के फैसले का हो रहा विरोध
भारतीय हेलीकॉप्टरों का उपयोग नहीं करने की आलोचना भी मालदीव में हो रही है. मालदीव के रक्षा मंत्री मोहम्मद घासन ने कहा कि 93 प्रतिशत निकासी अभी भी मालदीव एयरलाइंस द्वारा की जा रही है. घासन ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मेडिकल ऑपरेशन के एसओपी (मानक संचालन प्रक्रियाओं) को राष्ट्रपति से अधिसूचित करने या अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है. यह संबंधित संस्थानों के समन्वय के माध्यम से किया जाता है. मालदीव के सांसद मिकाइल अहमद नसीम का कहना है कि भारत के प्रति राष्ट्रपति की शत्रुता को संतुष्ट करने के लिए लोगों को अपनी जान की कीमत नहीं चुकानी चाहिए.
- निःशुल्क सी.टी.टी. (महिला नसबंदी) अभियान को मिली रफ्तार, जिला अस्पताल सारंगढ़ बना भरोसे का केंद्र… - December 19, 2025
- जनपद सदस्य हीरा भैरवनाथ ने समाज को जोड़ने का दिया संदेश ….मानदेय की 20 प्रतिशत दिया समाजदान.. - December 19, 2025
- रेखा वैष्णव के नेतृत्व मे छत्तीसगढ़ वैष्णव महासभा रायगढ़ की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न..बैठक मे प्रांतीय उपाध्यक्ष लखन दास वैष्णव एवं प्रांतीय युवा अध्यक्ष विश्वनाथ बैरागी की उपस्थिति.. - December 18, 2025

