छत्तीसगढ़: राष्ट्रीय जिमनास्टिक खिलाड़ी छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के बाथरूम के सामने बैठकर की सफ़र, शर्मनाक! …

राष्ट्रीय जिमनास्टिक स्पर्धा में शामिल होने गई खिलाड़ी छत्तीसगढ़ संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के बाथरूम एवं वाश बेसिन के सामने जमीन पर बैठकर सफर की। दल प्रबंधक अपने त्यौहार के चलते छत्तीसगढ़ की टीम को 20 दिसंबर को ही दिल्ली में छोड़कर वापस घर आ गई थी।
खिलाड़ियों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की है।
छत्तीसगढ़ का राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व करने गई जिमनास्टिक खिलाड़ियों को समय पर आरक्षण टिकट नहीं करने के कारण 18 घंटे का अधिक का सफर परेशानी में काटी। छत्तीसगढ़ की 51 खिलाड़ी 67वीं राष्ट्रीय शालेय जनास्टिक प्रतियोगिता में भाग लेने दिल्ली गई थी। जिमनास्टिक की प्रदेश प्रबंधक 20 दिसंबर को ही बीच में खिलाड़ियों को दिल्ली में छोड़कर लौट आई। इसमें गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की 13 जिमनास्टिक खिलाड़ी शामिल थी। उन्हें 22 दिसंबर को संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से वापस लौटना था। इसके लिए छात्र-छात्राओं का रिजर्वेशन समय पर करना था, पर इसे खेल विभाग और प्रशासन की उदासीनता कि खिलाड़ियों का कैलेंडर जारी होने के बावजूद पूर्व से ही इन खिलाड़ियों का रिजर्वेशन नहीं कराया गया। इस वजह से कोच सहित किसी भी खिलाड़ी का रिजर्वेशन कंफर्म नहीं हो पाया। नतीजन राष्ट्रीय खिलाड़ियों को ट्रेन की फर्श पर बैठकर वापसी की यात्रा तय करनी पड़ी। दुर्भाग्य जनक बात यह है कि इन बच्चों को सुरक्षित दिल्ली ले जाने और वापस छत्तीसगढ़ पहुंचने का जिम्मा जिस प्रबंधक को मिला था वह दो दिन पहले ही 20 दिसंबर को खिलाड़ियों को दिल्ली में छोड़ कर वापस पेण्ड्रा अपने घर लौट आई।
स्टेशन में खिलाड़ियों ने बताई आपबीती
दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से चलकर दुर्ग तक जाने वाली संपर्क क्रांति एक्सप्रेस लगभग पांच बजे दिल्ली से छूटती है, शाम पांच बजे से लेकर सुबह 10:30 बजे पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन में उतरने तक पेंड्रा के 13 खिलाड़ी और दुर्ग और बिलासपुर के बाकी सभी खिलाड़ी इसी तरह ठंड में ठिठुरते सफर करती रही। खिलाड़ी जब पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन में उतरी तो बुरी तरह खांस रही थी। उन्होंने बताया कि रिजर्वेशन नहीं मिलने से पूरी रात सो नहीं पाई और टायलेट के पास जहां काफी बदबू थी, वहीं बैठकर पूरी रात सफर तय की है। उनके साथ दो कोच भी थे पर जैसे ही पेंड्रारोड रेलवे स्टेशन पहुंचे उन्हें उतरकर वे उन्हे छोड़कर चले गए। महिला खिलाड़ी होने की वजह से सकोला पूर्व माध्यमिक शाला की एक महिला शिक्षक जो संरक्षक के रूप में गई थी वे ही इन छात्रों के साथ मौजूद रही। उन्होंने भी पूरी व्यवस्था के लिए जिमनास्टिक के प्रबंधक को ही जिम्मेदार ठहराया।
जिम्मेदार बचने की बहाना की
प्रदेश प्रबंधक सीमा डेविड से बात की गई तो उन्होंने टिकट कन्फर्म नहीं होने का ठीकरा रेलवे प्रशासन के सिर ही फोड़ दिया। वहीं शासन द्वारा जारी तीन लाख 21 हजार रुपए के फंड को भी नाकाफी बता दी।
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