रायगढ़: खदान हेतु अधिग्रहण से प्रभावित 69 लोगों को 15 साल के बाद भी नही मिली नौकरी…

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एसईसीएल की खदान के लिए लात गांव में 2008 09 में किए गए अधिग्रहण से प्रभावित 69 लोगों को लगभग 15 साल के बाद भी नौकरी नहीं मिली है। इसमें कुछ मामले आदिवासी गैर आदिवासी भूमि विस्थापितों से जुड़े हैं। एसरईसीएल 2012 में आई कोल इंडिया की पालिसी का हवाला देकर आदिवासी भूमि विस्थापितों की जगह गैर आदिवासियों को नौकरी नहीं देने की बात कह रहा है, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जब अधिग्रहण हुआ था, तब कोल इंडिया में ऐसा प्रावधान नहीं था। गांव में ऐसे परिवार हैं, जिनकी जमीन गई है, उनके योग्य सदस्यों को नौकरी नहीं मिली है। उन्हें रिक्त जगहों पर नौकरी दें। यह गतिरोध लंबे समय से चल रहा है। पिछले साल कलेक्टर ने भी एसईसीएल को छत्तीसगढ़ पुनर्वास नीति के तहत भूमि विस्थापित परिवार के बचे हुए लोगों को नौकरी देने के लिए पत्र लिखा था।

छाल ओपन कास्ट माइंस के पहले फेज के लिए लात गांव में 2004 में 159 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण किया गया। तब पालिसी के तहत सभी भू विस्थापित परिवारों के 131 वयस्क सदस्यों को नौकरी दी गई, तब कोई विवाद नहीं हुआ। इसके बाद लात गांव की बची हुई 138 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण 2008 09 में किया गया। प्रभावित परिवारों के 311 लोगों
को नौकरी दी जानी थी। प्रभावित परिवारों के 187 लोगों को ही नौकरी दी गई।