ट्यूबलर पोल लाइट घोटाले की पुनः जांच करने पहुची जांच टीम…घोटाले को दबाने नए पोल लगना पाया एवम पूर्व में जांच किये पोल में सुधार पाया…

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लैलूंगा- मंत्रालय से गठित जांच टीम नगर पंचायत लैलूंगा में ट्यूबलर पोल लाइट घोटाले की पुनः जांच करने पहुंची।
टीम ने पूर्व में हुई जांच से आज मिलान में पाया कि पुष्प वाटिका व इंद्रप्रस्थ स्टेडियम में लगे ट्यूबलर पोल लाइट में सुधार कार्य किया गया है।अध्यक्ष के वार्ड क्रमांक 14 में लगे एक मात्र ट्यूबलर पोल लाइट की भी जांच की जिसमे व्यापक घोटाला पाया । बिना फाउंडेशन के पोल लगना पाया। पोल में कनेक्शन केबल भी माप पुस्तिका के आधार पर नही पाया गया। एमबी स्विच, कनेक्शन वायर की भी सूक्ष्म जांच में घोटाले की परत दर परत खुलती चली गयी।नगरीय प्रशासन मंत्रालय के डायरेक्टर लेबल की गठित जांच टीम ने आज पुनः जांच की। जांच टीम के प्रभारी व सदस्य ने बताया कि रात के अंधेरे में जांच को प्रभावित करने व साक्ष्य मिटाने के लिए मरम्मत व सुधार कार्य किये जाने की शिकायत मिली थी जिसकी पूर्व में हुई जांच में मिले घोटाले से सुधार कार्य करना पाया गया है।
विदित हो कि नगर पंचायत लैलूंगा में लंबे समय से पदस्थ रहे विवादास्पद प्रभारी नगर पालिका अधिकारी सी पी श्रीवास्तव ने ठेकेदार व उपयंत्री से मिलकर कूटनीति व फर्जी दस्तावेज तैयार कर ट्यूबलर पोल लाइट में घोटाला कर शासकीय राशि का गबन किया।जिसका उजागर सूचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेजो से हुआ।कुल 64 लाख 71 हजार की लागत से नगर पंचायत में विभिन्न वार्डो में 97 पोल के लिए आमंत्रित निविदा स्थानीय स्तर पर प्रकाशन की बजाय राजधानी के पेपर में प्रकाशित की गयी। ठेकेदार को लाभ पंहुचने के उद्देश्य से सांठ गांठ कर गोपनीय निविदा की गयी। निविदा फॉर्म भरने वाली तीनो फर्म द्वारा सातो टेंडर में एक समान दर एक ही राइटिंग से भरी गयी हैं। नगर के विभिन्न वार्ड में लगने वाले 97 पोल की जगह 78 पोल लगाये गए। जबकि भुगतान पूरे 97 पोल का किया गया। सबसे ज्यादा घोटाला अध्यक्ष के वार्ड 14 में किया गया जंहा एक मात्र पोल लगाया गया और बाकी पोल लगाए ही नही गए । वार्ड 13 व 14 में 15 पोल की जगह 5 पोल लगाया गया। माप पुस्तिका में फर्जी बिल वाउचर तैयार कर दोनो वार्ड में 15 पोल का भुगतान किया गया। जब मामला उजागर हुआ तो पहले समायोजन की बात कही गयी फिर रातोरात विभिन्न वार्डो में नए पोल लगाए जाने लगे।नगर पंचायत के स्टॉक में पोल रखना दिखाया गया। वार्ड 6 व 9 में नए पोल लगाए गए। और पूर्व में लगे पोल में सुधार कार्य किया गया। गड्डा खोदकर वायर को अंडरग्राउंड किया गया।

पुनः जांच टीम ने ट्यूबलर पोल घोटाले में जांच प्रभावित करने व साक्ष्य छुपाने की शिकायत प्रमाणित पायी है।

जल्द ही व्यापक कार्यवाही होने की संभावना है।साथ ही तत्कालीन प्रभारी सीएमओ सी पी श्रीवास्तव द्वारा ठेकेदार व उपयंत्री अमित एक्का से सांठगांठ कर कूटनीति दस्तावेज तैयार कर साजिस को अंजाम देते हुए शासकीय राशि के गबन की प्राथमिकी दर्ज कराए जाने की जानकारी मिल रही है।

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