जांजगीर चांपा

पृथ्वी पर फैली बुराइयों का अंत केवल प्रकृति एवं गो संवर्धन से ही हो सकता है – भागवताचार्य लखन दास वैष्णव

शक्ति: नवनिर्मित जिला शक्ति के डोमाडीह (बिर्रा) मे श्रीमद भागवत की अविरल गंगा बाह रही है, जिसमे भागवताचार्य श्रद्धेय लखन दास जी वैष्णव के कथा वाचन से भक्त आनंदित होकर कथा श्रवण कर कृतार्थ हो रहे हैँ। कल शनिवार को कथा प्रसंग मे गोवर्धन लीला मे श्री वैष्णव ने बताया कि “गोवर्धन का अर्थ है गो संवर्धन”। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत मात्र इसीलिए उठाया था कि पृथ्वी पर फैली बुराइयों का अंत केवल प्रकृति एवं गो संवर्धन से ही हो सकता है। यह उद्गार डोमाडीह मे चल रही श्रीमदभागवत कथा में शनिवार को कथावाचक महराज श्री लखन दास वैष्णव ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अगर हम बिना कर्म करे फल की प्राप्ति चाहेंगे तो वह कभी नहीं मिलेगा, कर्म तो हमें करना ही होगा।

कथावाचक श्री वैष्णव जी ने गोवर्धन पर्वत की कथा सुनाते हुए कहा कि इंद्र के कुपित होने पर श्रीकृष्ण ने गोवर्धन उठा लिया था। इसमें ब्रजवासियों ने भी अपना-अपना सहयोग दिया। श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों की रक्षा के लिए राक्षसों का अंत किया तथा ब्रजवासियों को पुरानी चली रही सामाजिक कुरीतियों को मिटाने एवं निष्काम कर्म के जरिए अपना जीवन सफल बनाने का उपदेश दिया।

क्यों लेते हैँ भगवान अवतार –

श्री वैष्णव जी ने बताया कि भगवान का अवतार तीन कारणों से होता है (1)धर्म की स्थापना, (2)साधु पुरुषों की रक्षा, (3) दुष्टों का संहार करने हेतु।
अतः हमे सनातन धर्म के मार्ग पर चलकर अपने धर्म की रक्षा करना होगा तभी धर्म हमारी रक्षा करेगी। कृष्ण ने पूतना के प्रेम रूपी दूध का पान किया और अवगुण का संहार किया,पूतना , अविध्या का प्रतीक और अविद्या का रहने का चौदह स्थान है पांच कर्म इन्द्रियां पांच ज्ञान इंद्रीयां मन,बुद्धि , चित,अहंकार, हम अपने जीवन में पदार्थो को ऊपर रखते है और भगवान को नीचे ,हमे परमात्मा को सबसे ऊपर रखना होगा तभी हमारे जीवन की आंधी(तृणावर्त) खत्म होंगी।
जैसे अवतार श्री कृष्ण अपने बलदाऊ भैया,तनसुखा ,मनसुखा ,मधुमंगल,के गोपियों चित का चोरी कर आनंद प्रदान किया वैसे हमे भी भगवान को उनके मार्ग को अपनाना होगा तभी हमारे जीवन मे आनंद कि प्राप्ति होगी।,भगवान के लिऐ कोई काम छोटा नही होता समर्थ होकर भी गाय चराने में संकोच नहीं करते और ना ही गिरिराज जी को धारण कर अपने को बलशाली साबित करते है

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