छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ ब्रेकिंग: रायपुर, बिलासपुर , जगदलपुर के बाद अब यहाँ बनेगा एयरपोर्ट, हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने भूपेश सरकार का बड़ा फैसला…

छत्तीसगढ़ पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है. इसके साथ ही राज्य में कनेक्टिविटी ऑप्शंस भी बढ़ गए हैं. पहले केवल बस-ट्रेन के जरिए राज्य के कोने-कोने तक पहुंचा जा सकता था.
लेकिन अब यहां हवाई कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा रहा है. राज्य के रायपुर (Raipur), बिलासपुर (Bilaspur), जगदलपुर (Jagdalpur) के बाद अब सरगुजा (Surguja) संभाग के अंबिकापुर (Ambikapur) में भी एयरपोर्ट की भी शुरुआत होने जा रही है. इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने अपने बजट में प्रावधान किया है.

सीएम बघेल ने विधानसभा के बजट सत्र में अंबिकापुर एयरपोर्ट को लेकर घोषणा की है. उन्होंने गुरुवार को विधानसभा में अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि हम छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया से सहजता से जोड़ने की दिशा में भी तेजी से काम कर रहे हैं. यहां जगदलपुर और बिलासपुर में एयरपोर्ट शुरू हुआ. इसी कड़ी में अब हमने अंबिकापुर एयरपोर्ट के विकास के लिए 48 करोड़ रुपये की स्वीकृति दे दी है.

हर हिस्से में हवाई कनेक्टिविटी

अंबिकापुर एयरपोर्ट के लिए सरगुजा संभाग के लोगों की लंबे समय से मांग चल रही थी. कई साल बीत जाने के बाद अब एयरपोर्ट की तैयारियां तेज हुई हैं. हालाकिं जब अंबिकापुर का एयरपोर्ट शुरू हो जाएगा तो छत्तीसगढ़ के भूगोल के हिसाब सभी हिस्सों में हवाई कनेक्टिविटी पूरी हो जाएगी. क्योंकि रायपुर एयरपोर्ट से मध्य छत्तीसगढ़ के दो संभाग रायपुर और दुर्ग कवर हो जाते हैं. इसके अलावा दक्षिण छत्तीसगढ़ में जगदलपुर एयरपोर्ट पूरे बस्तर संभाग को कवर कर रहा है. इसके अलावा बिलासपुर एयरपोर्ट सात जिलों को कवर कर लेता है. अब उत्तर छत्तीसगढ़ में अंबिकापुर एयरपोर्ट शुरू हो जाएगा तो उत्तर छत्तीसगढ़ पूरा कवर हो जाएगा.

लगातर बढ़ रही बिजली की डिमांड

गौरतलब है कि विधानसभा में गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विभागों के लिए 13 हजार 325 करोड़ रुपये से अधिक राशि की अनुदान मांगें पारित हुई हैं. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने विभागों की अनुदान मांगों पर जवाब देते हुए कहा “छत्तीसगढ़ में बिजली की कमी नहीं है. जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखकर प्रीपेड मीटर के क्षेत्र में भी हम आगे बढ़ रहे हैं. राज्य में बिजली की लगातार डिमांड बढ़ रही है. इसे ध्यान में रखकर नए सब सेंटर खोलने की योजना बनाई जा रही है. राज्य शासन ने 1320 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल ताप विद्युत परियोजना की स्थापना करने का निर्णय लिया है.”

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