पड़े-पड़े खराब हुए लाखों के वेंटिलेटर व मेडिकल उपकरण…महीनों से उपयोग नहीं इसलिए हुए खराब….

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रायगढ़/कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सवा करोड़ रुपए के वेंटिलेटर और दूसरे उपकरण खरीदे गए। वहीं तखत, पलंग और कूलर पर लाखों खर्च हुए और दान भी मिला। कूलर अब अस्पतालों में भेजे जा रहे हैं वहीं रखे-रखे खराब हुए मेडिकल उपकरण की मरम्मत के लिए कंपनियों के तकनीशियन बुलाए गए हैं। कुछ वेंटिलेटर और बाइपेप अस्पतालों में भेज दिए गए हैं लेकिन बड़ी संख्या में उपकरण और दूसरे उपयोगी सामान डंप किए गए हैं। अफसर कहते हैं कि कोरोना अभी गया नहीं है। भविष्य की आशंकाओं का देखते हुए इन्हें सुरक्षित रखा गया है।

10 वेंटिलेटर और 50 बाइपेप मशीन डीएफएफ से खरीदी गई ।
दो वेंटिलेटर अमेरी केयर फाउंडेशन ने डोनेट किया है।
पीएम केयर में 11 वेंटिलेटर, 8 सीपेप मिले।
400 ऑक्सीजन कांसन्ट्रेटर दान में मिले
वेंटिलेटर की कीमत 8 से 10 लाख रुपए
बाइपेप मशीन- 40 हजार
स्वास्थ्य विभाग ने लगभग एक करोड़ के वेंटिलेटर और बाइपेप मशीनें खरीदीं।
लैलूंगा में 2, धरमजयगढ़ में 5, सारंगढ़ में 5, चपले में 5, अशर्फी देवी हॉस्पिटल में 3 वेंटिलेटर दिए गए हैं। बाकी को एमसीएच और 200 बेड मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रखे गए हैं।

महीनों से उपयोग नहीं इसलिए खराब हुए उपकरण
स्वास्थ्य विभाग के मेडिकल इंजीनियर ने बताया कि वेंटिलेटर सहित उपयोग में आने वाले सेंशर, ऑक्सीजन सेल, ओटू सेंसर जैसे कई सामान खरीदे गए थे। खराब हो रहे सामान की कंपनियों से मरम्मत कराई गई है। पीएम केयर फंड से भेजे गए बाइपेप और वेंटिलेटर में ज्यादातर खराब थे। जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग नहीं हो सका। स्वास्थ्य विभाग ने लॉकडाउन के बीच जिला प्रशासन की मदद से जरूरी उपकरण खरीदे। डोनेशन में मिले कूलर के साथ खरीदे गए तखत और पलंग को नगर निगम के खाली मकानों में डंप किया गया है।

वेंटिलेटर व उपकरणों की कराएं मरम्मत
वेंटिलेटर समेत दूसरे उपकरणों को सुधरवाएंगे। जिले के सीएचसी और ब्लॉकों में उपयोगी उपकरण भिजवाए जाएंगे। सीएचसी में एनआईसीयू में इसका इस्तेमाल किया जाएगा। कोरोना संक्रमण पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। भविष्य की आशंकाओं को देखते हुए जरूरी सामान सुरक्षित रखे गए हैं।
डॉ एसएन केशरी, सीएमएचओ

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