छत्तीसगढ़ की महिलाओं द्वारा निर्मित महुआ की स्वास्थ्यवर्धक लड्डू को प्रधानमंत्री मोदी ने सराहा…

कैबिनेट में गहन मंथन के पश्चात जनकल्याण के लिए योजनाएं तैयार की जाती हैं. दिल्ली में बनी यह योजनाएं कुशलता से जमीनी स्तर पर किस तरह से क्रियान्वित की जा रही हैं, इसकी समीक्षा प्रधानमंत्री मोदी सीधे आम जनता से संवाद के माध्यम से नियमित रूप से करते हैं.
इसके लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा भी आयोजित की जा रही है.
Chhattisgarh के नक्सल प्रभावित उत्तर बस्तर के ग्रामीण क्षेत्रों में केंद्र द्वारा चलाई जा रही अनेक योजनाओं का किस तरह असर हुआ है, इसकी जानकारी लेने आज Monday को विकसित भारत संकल्प यात्रा के वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से प्रधानमंत्री ने कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर के भानबेड़ा की हितग्राही भूमिका भूआर्य से ग्राम मनकेसरी में हुए कार्यक्रम में वर्चुअल संवाद किया.
आपसे जो मिला है उसे कैसे भूल सकते हैं सर: भूमिका
भूमिका ने पीएम मोदी को बताया कि उसने बीएससी प्राइवेट किया है और यहां अपने गांव के 29 समूहों में से एक समूह से जुड़ी हुई हैं. प्रधानमंत्री ने भूमिका से पूछा कि उसे Central Governmentकी किन योजनाओं का लाभ मिला है. भूमिका ने बताया कि उसे वनधन योजना, उज्ज्वला योजना, नलजल, शौचालय, राशन कार्ड, किसान सम्मान निधि, दो साल का बोनस आदि सभी योजनाओं का लाभ मिला है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको तो सभी योजनाओं से मिला लाभ याद है. भूमिका ने कहा कि आपसे जो मिला है उसे कैसे भूल सकते हैं सर. प्रधानमंत्री ने कहा कि आप सभी से बात करके हमें काम करने की और हिम्मत आ जाती है.
प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपको इतनी सारी योजनाओं का पता कैसे चला और इन्हें प्राप्त करने में किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई. भूमिका ने बताया कि इन्हें प्राप्त करने में कोई अड़चन नहीं आई, मम्मी-पापा से मुझे यह जानकारी मिली. प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपका छोटा भाई क्या करता है. भूमिका ने बताया कि वो कालेज में है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपके माता-पिता को प्रणाम करता हूँ जिन्होंने आप दोनों बच्चों को पढ़ाया. मैं जानता हूँ कि बस्तर की जिंदगी कैसी है. आपके माता-पिता प्रणाम करने योग्य हैं, जिन्होंने बेटी को पढ़ाया और उसे पढ़ने भेजा. मैं यहां बैठी सभी माताओं को कहता हूँ कि अपनी बेटियों को पढ़ाएं.
उल्लेखनीय है कि विकसित भारत संकल्प यात्रा में जुड़ रहे लाखों लोग Central Governmentकी योजनाओं से उठाये लाभ की कहानी ”मेरी कहानी मेरी जुबानी” के माध्यम से सुना रहे हैं. दिल्ली से बनी योजनाएं बस्तर तक पूरी तरह से पहुँच रही हैं और भानबेड़ा जैसे छोटे गाँव की बेटियाँ भी इनसे सशक्त हो रही हैं, जिनके सशक्तिकरण को आज हुए वर्चुअल संवाद के माध्यम से देश भर ने सुना.
सबसे ज्यादा लाभ वनधन से उठाया
प्रधानमंत्री ने पूछा कि कौन-सी योजना ऐसी है, जिससे आपने सबसे अधिक लाभ उठाया. भूमिका ने कहा कि वनधन योजना का. हमने महुआ लड्डू बनाना आरंभ किया, साथ ही आंवला का अचार बनाने लगे. प्रधानमंत्री ने पूछा कि इसे किस तरह से बेचते हैं. भूमिका ने बताया कि संजीवनी के माध्यम से इसकी बिक्री होती है. हम 700 रुपए प्रति किलो लड्डू बेचते हैं, यह स्वास्थ्यवर्धक होता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कुछ लोग तो महुआ का दूसरा उपयोग करते हैं. भूमिका ने तपाक से मुस्कुराते हुए कहा कि इसलिए ही तो हम इसके लड्डू बना रहे हैं. प्रधानमंत्री ने भूमिका को शाबाशी दी, उन्होंने कहा कि अब महुआ से आजीविका भी आ रही है और स्वास्थ्य के लाभ भी हासिल हो रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आप जैसे जागरूक लोगों की वजह से हमारा आदिवासी समाज बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे विशेष रूप से यह अच्छा लगा कि बिना किसी अड़चन के आप लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है. विशेष रूप से यह अच्छा लगा कि वनधन केंद्र आप जैसे जागरूक नागरिकों की वजह से बहुत अच्छे चल रहे हैं.
बिरसा मुंडा भगवान की जन्मस्थली से शुरू की पीएम जनमन योजना
प्रधानमंत्री ने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजाति को Central Governmentकी योजनाओं का लाभ पूरी तरह से हो सके, इसके लिए हमने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से ”पीएम जनमन योजना” आरंभ की है. संभवतः 15 जनवरी को मैं ऐसे समूह के साथ मिलूंगा भी. भगवान बिरसा मुंडा के आशीर्वाद से मुझे आदिवासी भाई-बहनों की सेवा का मौका मिला है.
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