छत्तीसगढ़: मेडिकल लीव लेकर शिक्षकों ने की गोवा में मस्ती… मामले की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय जांच दल का किया गठन… मेडिकल रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टर पर भी कार्रवाई की तलवार लटकी..

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बालोद : पढ़ाई के नाम पर जमीन दलाली और फिर उन पैसों से गोवा घूमने वाले दो शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने नजरें टेढ़ी की हैं.मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन, जिला शिक्षाधिकारी ने किया है. दरअसल दोनों ही शिक्षक पढ़ाई के समय जमीन दलाली के काम में शामिल रहते थे. जिसकी शिकायत कई बार शिक्षा विभाग में हुई.लेकिन दोनों के खिलाफ कोई भी पुख्ता सबूत नहीं थे.लेकिन इस बार जब, ये दोनों मेडिकल लीव लेकर गोवा में मस्ती कर रहे थे तो मदहोशी में खुद की फोटो वायरल कर दी. अब यही वायरल फोटो दोनों शिक्षकों के लिए खतरे की घंटी बन चुकी है.

मेडिकल बनाने वाले डॉक्टर भी नपेंगे

इन शिक्षकों ने जिस डॉक्टर से मेडिकल रिपोर्ट बनवाई थी. उस पर भी कार्रवाई होनी तय है. क्योंकि बीएमओ घनराम रावटे ने ही दोनों का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनाकर इन्हें थमाया था. जिसके बूते इन दोनों को छुट्टी मिली थी. डॉ बीएमओ घनाराम रावटे ने ही पहले अनफिट प्रमाण पत्र दिया. उसके बाद फिट प्रमाण पत्र देकर बचने की कोशिश की है.पूरे मामले में खबर छपने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जेएल उइके ने मामले को संज्ञान में लिया है. जिसमें बीएमओ के ऊपर जांच और कार्रवाई की बात कही है.

जाँच के लिए 3 प्राचार्यों के टीम का गठन

इन दोनों शिक्षकों की जांच के लिए, विकास खंड शिक्षा अधिकारी ललित चंद्राकर ने 3 प्राचार्यो की एक समिति का गठन किया है. 3 प्राचार्यों का नाम अभी गुप्त है. इस मामले में दोनों शिक्षकों के गोवा आने-जाने का ब्यौरा निकाला जाएगा. जिसके बाद पूरे विषय में जांच रिपोर्ट तैयार करके कार्रवाई की जाएगी.वहीं सूत्रों की माने तो दोनों ने टीचिंग को पार्ट टाइम और दलाली को फुल टाइम का काम बना लिया था. एक स्थानीय व्यवसायी के शागिर्द के तौर पर दोनों काम करते थे. इसलिए स्कूल में कम और तहसील में ज्यादा नजर आते थे.

मेडिकल लीव लेकर शिक्षकों ने की गोवा में मस्ती

बीएमओ घनाराम रावटे भी जांच के दायरे में : गुरुर के विकास खंड चिकित्सा अधिकारी बीएमओ घनाराम रावटे, जिन्होंने इन 2 शिक्षकों का मेडिकल लीव जारी किया था. उसने मामले पर अपनी बातों को रखा है. उन्होंने कहा कि “मैंने उन्हें जांच कराने के लिए कहा था परंतु उन्होंने हॉस्पिटल में जांच नहीं कराई. वहीं जब हमने स्कूल में मेडिकल रिपोर्ट जाकर देखा तो यह पता चला कि यह घूमने गए हैं”

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