कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ द्वारा “युवा दिवस” पर नव वर्ष में नौवीं काव्य गोष्ठी संपन्न

जितेंद्र तिवारी
राष्ट्रीय युवा दिवस एवं स्वामी विवेकानंद जयंती के पावन अवसर पर भारतीय संस्कृति परंपरा और विरासत को समृद्ध करने के लिए कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ द्वारा नौवीं वर्चुअल काव्यगोष्ठी दिनांक 12 जनवरी 2022 को संपन्न हुई । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मोहन लाल श्रीवास जी (कोरबा कल्याण समिति अध्यक्ष )
एवं विशिष्ट अतिथि आदरर्णीय श्री गजाधर श्रीवास जी कन्नौद चांपा परिक्षेत्र अध्यक्ष कन्नौजिया
श्रीवास समाज के द्वारा कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई गयी।
काव्य गोष्ठी की शुरुआत श्रीमती निशा श्रीवास जी (कापन)द्वारा मां सरस्वती की वंदना से प्रारंभ किया गया इसी परिपेक्ष्य में कार्यक्रम संयोजक एवं पटल सह संस्थापक एवं मंच संचालक आदरर्णीय कवि श्री रमाकाँत श्रीवास जी ने सभी को नववर्ष एवं युवा दिवस की बधाई दी एवं आगे की तारम्यता को ध्यान में रखते हुए कवि आदरर्णीय डॉ हितेंद्र श्रीवास जी को मंच संचालन सौंपे , तत्पश्चात कार्यक्रम को गति प्रदान करते हुए कवि आदरर्णीय श्री घनश्याम (गुड्डा) श्रीवास जी के द्वारा- कविता लक्ष्य को ढूंढते हैं वो जिनको वर्तमान से प्यार नहीं, की बहुत सुंदर प्रस्तुति दी गयी ,इसी कड़ी में वरिष्ठ कवि आदरर्णीय श्री रामसाय श्रीवास जी के द्वारा- जिनमें विवेक और मन आनंद हो वो विवेकानंद कहलाएगा के द्वारा मंच को भाव विभोर प्रस्तुती दी गई, कवि डॉक्टर हितेन्द्र श्रीवास जी के द्वारा बहुत ही सुंदर ढ़ंग से घनाक्षरी प्रस्तुत कर कार्यक्रम को मधुरिमा प्रदान किया गया ,इसी क्रम में आदरर्णीय कवि नोबेल श्रीवास जी द्वारा चले आओ कन्हैया तेरी गैया तुझे बुला रही है की प्रस्तुती ने मंच की शोभा बढ़ाई ,कवि आदरर्णीय बसंत श्रीवास जी द्वारा प्रस्तुत कविता जागो जागो मेरे देश के जवान तु तो सो रहा है पूरा देश परेशान के द्वारा मंच को एक बार फिर से जीवांत कर दिया गया, कवि आदरणीय उमेश श्रीवास द्वारा- बदल जाती है तस्वीरें बदल जाती है कहानी, बहुत ही उमंग साथ प्रस्तुत किया , कवि आदरणीय रवि शंकर श्रीवास (कोषाध्यक्ष) द्वारा -आज युवाओं ने बीड़ा उठाया है, वरिष्ठ कवि संतोष श्रीवास जी द्वारा -प्रस्तुत मुक्तक नजर को नजर से तौलती आंखें ने सभी को मंत्र मुग्ध कर, दिया.,उपाध्यक्ष सुश्री उषा श्रीवास कन्नौजिया श्रीवास साहित्य मंच के द्वारा गीत किसी दिन दिल न लगे तो तुम आवाज जरा देना ने सभी का मन मोह लिया और मंच का माहौल ही बदल दिया, आदरणीय कवि श्री राम रतन श्रीवास जी ने अपनी कविता में कहां युवा था, युवा हूं ,युवा ही रहूंगा ,आदरणीय कवी श्री शैलू ठाकुर जी द्वारा छत्तीसगढ़ी कविता नवा बछर के नवा पीढ़ी गांजा संग नंदावत हे, समाज को नशा मुक्ति का संदेश देते हुए पाठ किया गया, अध्यक्ष आदरर्णीय श्री रामरतन श्रीवास जी ने उद्बोधन में कहां सभी युवा विवेकानंद जैसा बने, तब तक प्रयास करें जब तक कार्य में सफल ना हो जाए ।एवं अपनी अनूठी प्रस्तुति से कार्यक्रम को आंनदमय कर दिये,कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि आदरर्णीय श्री गजाधर श्रीवास जी ने उद्बोधन में कहा,कन्नौजिया श्रीवास समाज का साहित्य मंच समाज के लिए गौरव एवं आदर्श स्थापित करने में अग्रिणी भूमिका निभा रहा है ,इसके लिए मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ ,कहकर रामायिणिक दोहे प्रस्तुत किये और उन्होंने आप सभी का मार्ग प्रस्सत हो कहकर आर्शिवचन कहे। तथा आदि कवि रविंद्र जैन की गीत- जाते हुए पल छिन क्यों जीवन लिए जाते हैं प्रस्तुत कर समा बना लिया एवं अंतिम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आदरर्णीय श्री मोहन लाल श्रीवास ने अपनी स्वरचित मौलिक स्चना मैं देशहा तै कन्नौजिया कइसे बनही जोड़ी रे,एवं फिरका परस्ती के संबंध में मनमोहक प्रस्तुती देकर सबका मन मोह लिया,कार्यक्रम के अध्यक्ष कवि श्री रामरतन श्रीवास जी के द्वारा कार्यक्रम के समापन की घोषणा करते हुए सभी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की गयी और सभी का आभार व्यक्त किया गया।
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