जितेन्द्र तिवारी की दादी मां को विनम्र श्रद्धांजलि…जीवन का यथार्थ है उष्णीष बंधन – राजेंद्र गुरूद्वान…

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बिर्रा- बिर्रा की प्रतिष्ठित उम्रदराज महिला श्रीमती मथुरादेवी तिवारी जी के उष्णीष बंधन (चंदनपान-शुद्धिकरण-पगडी रस्म) पर आज आचार्य पं. राजेंद्र गुरूद्वान (राजा महाराज) ने शोकाकुल तिवारी परिवार की मुखिया श्रीमती मथुरादेवी तिवारी जी के स्वर्गवास हो जाने पर पगड़ी रस्म पर कहा कि मृत्यु अटल है इसे टाला नहीं जा सकता।उनके मोक्षार्थ की कामना करते हुए कहा कि जीवन का यथार्थ है कि जिसका जन्म होता है उसकी मृत्यु निश्चित है और जिसकी मृत्यु होती है उसका जन्म भी होता है।वहीं भागवत प्रवक्ता पं गीताप्रसाद तिवारी ने कहा कि सरल,मृदभाषी और सादा जीवन उच्च विचार की हमारी बड़ी दीदी मथुरा देवी जिन्होंने अपनी जीवन बड़ी शालीनता से जी कर श्रीधाम पहुंच गई है। आज हमारे बीच नहीं रहीं हैं।उनका आशीर्वाद हम सबको हमेश मिलता रहेगा कहकर शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की।वहीं गोविंद मिश्रा जी ने स्व.मथुरादेवी जी के जीवन परिचय पर प्रकाश डालते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। बहुत उम्मीद जताते हैं ज़माने वाले,कब लौटकर आते हैं इस जहां से जाने वाले कहकर कार्यक्रम का संचालन जितेंद्र तिवारी ने किया। इस अवसर पर डॉ ईश्वर प्रसाद शुक्ला,ठा. बलराम सिंह, सीताराम सिंह, रितेश रमण सिंह,श्रीमती सरस्वती- पन्नालाल शर्मा,श्रीमती लता-राजीव तिवारी,श्रीमती संगीता-योगेश उपाध्याय,श्रीमती हेमलता-सुखनंदन पांडेय,श्रीमती अर्चना-दिलीप तिवारी,श्रीमती प्रीति-भागवत पांडेय,श्रीमती अनीता-चित्रभानू पांडेय,लल्लू तिवारी,श्रीकांत तिवारी,पवन कुमार,सुबोध, जितेन्द्र तिवारी,दीवाकर शर्मा,प्रमोद,विनोद,गुलाबचंद,संजय, अविनाश, विकास,छाया,नीशू,सोम उपाध्याय,पियुष,रीतू सहित परिजन उपस्थित थे।दो मिनट मौन श्रद्धांजलि अर्पित कर कार्यक्रम का समापन किया गया।

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