सारंगढ़ में 36 लाख की सीसी रोड में भ्रस्टाचार की बू!तय प्राक्कलन में नहीं हो रहा कार्य..गुणवत्तहीन कार्य पर जिम्मेदार मौन…?नगरपालिका एवं उपयंत्री पर उठ रहे सवाल…

सारंगढ़: वार्ड क्रमांक 09 भारत माता चौक से नेगी तालाब तक सड़क निर्माण में गंभीर अनियमितता बरतने की जानकारी प्राप्त हो रही है। उपयंत्री की गैरमौजूदगी में ठेकेदार ने अपने आर्थिक फायदे के लिए नियमों की बली दे डाली ऐसा जानकार कह रहे हैं।
प्रशासन द्वारा नगर पालिका क्षेत्र में विकास कार्यों को गति दिया जा रहा है लेकिन सरकारी नुमाइंदो और ठेकेदार द्वारा अपने आर्थिक लाभ के खातिर गुणवत्ता को नकार कर कार्य कराया जा रहा है वो भी शहर के अंदर ।
वर्तमान में सारंगढ़ में सीसी रोड और नाली निर्माण का कार्य जोरों से प्रगति पर है सरकार उक्त निर्माण कार्यों के लिए लाखों करोड़ो खर्च कर रही है लेकिन ठेकेदार द्वारा नियमानुसार कार्य नहीं कराया जा रहा।
तय प्राक्कलन के विपरीत हो रहा कार्य..?
सारंगढ़ के वार्ड क्रमांक 09 भारत माता चौक से नेगी तालाब तक लगभग 36 लाख रुपए की लागत से बनाई जा रही सीसी रोड का निर्माण प्राक्कलन के विपरीत हो रहा है। स्थानीय नागरिकों ने इस पर नाराजगी जताते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं और बताया कि उपयंत्री की अनुपस्थिति का फायदा उठाकर ठेकेदार नियम विरुद्ध सड़क निर्माण कराया है, जिससे सड़क की गुणवत्ता पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है।
बनना था 6 इंच की सड़क लेकिन बनाया 4 इंच –
नियमों के अनुसार, नपा उपयंत्री द्वारा बनाए जारी किये प्राक्कलन में सीसी रोड की ऊंचाई 0.15 सेमी (यानी 6 इंच) निर्धारित की गई थी, ताकि सड़क द्वारा हल्के और भारी वाहनों के दबाव से विपरीत प्रभाव ना पड़े लेकिन ठेकेदार ने उपयंत्री से मिलीभगत कर मोटाई घटाकर महज 10 सेमी (4 इंच) कर दी, जिससे सड़क की मजबूती और उम्र दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

गुणवत्ताहीन कार्य:
सड़क निर्माण में जो तकनीकी मानक होती है उन्हें भी नज़रअंदाज़ किया गया है। न तो मोटर ग्रेडर की मदद से समतलीकरण किया गया, न ही ओएमसी (ऑप्टिमम मॉइश्चर कंटेंट) के अनुसार पानी डालकर कंपन पावर रोलर से रोलिंग की गई। निचली सतह (सब-बेस) के लिए ग्रेडिंग-3 की दानेदार सामग्री भी नहीं डाली गई। मिट्टी फ्लेम प्रक्रिया, जो सड़क की मजबूती का आधार होती है, उसे भी पूरी तरह टाल दिया गया।
उपयंत्री और ठेकेदार दोनों सवालों के घेरे में
स्थानीय लोगों के अनुसार यह नियमविरुद्ध कार्य सब कुछ ठेकेदार और उपयंत्री द्वारा किया जा रहा है। उपयंत्री सब जानकर अनजान बन रहे हैं जिसका प्रमाण निर्माण कार्य में अनुपस्थिति स्वयं प्रमाणित करती है। जबकि एम.बी में प्रत्येक कार्य इंद्राज होता है लेकिन साहब की अनुपस्थिति से भ्रस्टाचार की बू आना लाज़मी है यह केवल संयोग है या साज़िश इसकी जानकारी जांच उपरांत स्पष्ट होगा।
कार्रवाई की मांग –
वर्षो विकास के लिए तरसता सारंगढ़ में अब सीसी रोड की मांग पूरी हो रही है वो भी भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ने वाली है! लोगों की माने तो 36 लाख रुपये की लागत से बन रही सीसी रोड बनने से पहले ही टूटने के कगार पर है।स्थानीय रहवासियों ने इस घटिया निर्माण पर गहरी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कलेक्टर से तत्काल जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। नागरिकों का कहना है कि सार्वजनिक धन की इस बर्बादी को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

सवालों के घेरे में नगर पालिका की कार्यप्रणाली
इस प्रकरण ने नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। जिस तरह लाखों करोड़ों की योजनाओं में लापरवाही और मनमानी बरती जाती है तो अन्य कार्यों में भी गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
निष्कर्ष: उक्त प्रकरण से फिर साबित हो रहा है कि सरकारी निर्माण कार्यों में “कम लागत – कम गुणवत्ता” का फॉर्मूला पूरी ताकत से लागू किया जा रहा है। अगर प्रशासन ने समय रहते सख्त कदम नहीं उठाया, तो यह सड़क भले ही ना बने लेकिन भ्रष्टाचार की मजबूत पगडंडी बन जाएगी?
जनता पूछ रही है – क्या यही है विकास? या फिर बजट में कटौती कर जेबें भरने का पुराना तरीका?

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