सारंगढ़

सारंगढ़: जहरीला चावल खाने से आधा दर्जन गायों की हुई अकाल मौत… बेजुबान जानवरों के मौत पर प्रशासन को कोई सुध नहीं… आखिर राइस मिलरो पर क्यों मेहरबान है खाद्य विभाग…

सारंगढ़ : वैसे तो सीधी साधी भोली भाली बेजुबान गाय को माता का दर्जा दिया गया है और हम सब गौ माता कह कर पुकारते हैं। मगर 5 मई को सारंगढ़ नगर पालिका वार्ड क्रमांक 3 टेंगना पाली के खेतों में आधा दर्जन से भी अधिक गायों के शव इधर उधर बिखरे पड़े मिले जिससे आसपास के क्षेत्र में सनसनी फैल गई। नगर पालिका को जानकारी देने पर उनके कर्मचारी और जेसीबी के द्वारा महज एक सांड के शव को उठाया गया बाकी गाय के शव कहां गये उसकी कोई सुध नहीं। मीडिया को उक्त जानकारी लगने पर उन्होंने तुरंत सीएमओ को जानकारी दी सीएमओ ने बताया की कर्मचारी गए थे और एक सांड के शव को जेसीबी से उठाएं हैं जबकि वहां आधा दर्जन से भी अधिक गाय मरी पड़ी थी। हद तो तब हो गई जब संबंधित अधिकारी को ऑन द स्पॉट में जहरीला चावल मरी हुई गाय दिखाई परंतु शव उठाने के अलावा कार्यवाही नहीं के बराबर थी शायद मामले को चंद अधिकारी दबाना चाहते हो और दूसरे दिन फिर वहां गायों की शव दिखाई दी अगर समय रहते प्रशासन अलर्ट होता तो दूसरे दिन और गायों की मृत्यु नहीं होती। अंततः मीडिया ने सारंगढ़ एसडीएम को उक्त खबरों और वीडियो फोटो से अवगत कराया। वैसे तो खाद्य विभाग की नजर अंदाजगी साफ नजर आती है सारंगढ़ में कई नए राइस मिलरो के खुलने और उसके पीछे चल रहे लेनदेन के बड़े व्यापार के बीच खाद्य विभाग की भूमिका पर सवालिया निशान उठ रहा है।

क्या है मामला– सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सारंगढ़ नगर पालिका वार्ड क्रमांक 3 टेंगनापाली के खेत में आधा दर्जन से भी अधिक गायों के शव इधर-उधर बिखरे पड़े थे, वहां के रहवासियों, किसानों से पूछने पर उन्होंने बताया कि पास में राइस मिल है जहां जहरीला चावल किसी ने लाकर खेतों में डाल दिया है जिसे गायों ने खा लिया, वह चावल अभी इधर-उधर बिखरा है। गायों की हालत बिगड़ी तो उसे पशु चिकित्सा के अधिकारियों द्वारा उपचार किया गया मगर उन्हें नहीं बचाया जा सका, नगर पालिका के जेसीबी और कुछ स्वीपर आए थे उनके द्वारा सांड को उठाया गया और बाकी गायों को आसपास के लोग उठाकर ले गए। अब तक ना तो कोई अधिकारी ने सुध ली ना पूछताछ की ना जांच की चावल वैसा ही पड़ा रहा दूसरे दिन भी कुछ गायों ने इसका सेवन किया और उनकी मृत्यु हो गई।

गौरतलब हो की मीडिया के द्वारा उक्त विषयों के बारे में 5 मई को सारंगढ़ नगर पालिका सीएमओ को जानकारी दी गई थी मगर उन्होंने चुनाव की व्यस्तता का हवाला दिया
पीऔर कर्मचारियों से पूछ कर बता रहा हूं बोले। उन्हें बताया गया कि वहां जहरीले चावल फैली हुई है कुछ लोग बोल रहे हैं कि नजदीक के राइस मिल से किसी ने यहां लाकर यहां फेंका है। मगर नगरी प्रशासन के टालमटोल और उक्त घटना को गंभीरता से न लेने पर दूसरे दिन भी गायों की मौत का सिलसिला जारी रहा। सारंगढ़ नगर पालिका हमेशा से शहर में खानापूर्ति का कार्य करता आ रहा है, इस प्रशासन ने पशुता और मानवता दोनों को खत्म करके रख दिया है। वैसे भी सारंगढ़ नगर पालिका में कोई जिए मरे, गंदगी फैली रहे, दुर्घटना होती रहे, सड़के उखड़ी रहे, पानी की त्राहिमाम मची रहे, शहर में जमीनों में कब्जा होते रहे, कर्मचारी का रोना रोकर अधिकारी पतली गली निकाल लेते हैं। आधा दर्जन गायों की अकाल मृत्यु की सूचना देने पर भी विभाग ने उक्त घटना की शुध नहीं ली या किसी प्रकार की दोषियों पर कार्यवाही या जांच नहीं की।

आधा दर्जन गायों की जरूरी चावल खाने से अकाल मृत्यु पर ना तो हिंदूवादी नेता ना गांव सेवक ना गांव रक्षक किसी का पता नहीं ? क्या यह गौ सेवक हिंदू नेता और गौ रक्षक दोषियों पर कार्यवाही की मांग करेंगे।

क्या कहते हैं अधिकारी – सारंगढ़ नगर पालिका सीएमओ राजेश पांडे को 5 मई को उक्त घटना की जानकारी दी गई, उन्होंने कर्मचारियों से पूछ कर जानकारी दी कि नगर पालिका के कर्मचारी और जेसीबी केवल वहां मरे हुए सांड को उठाए हैं बाकी गाय के शव का क्या हुआ पूछने पर वे जानकारी नहीं दे पाए और उन्होंने चुनाव कार्य की बात कही।

दूसरे दिन भी गांयो की मौत का सिलसिला जारी रहा, जिस पर सारंगढ़ एसडीएम को उक्त पूरी घटना की जानकारी और फोटोग्राफ भेजे गए और उन्हें सूचित किया गया। उन्होंने उक्त मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच की बात कही।

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